कोरोनाकाल में लोगों की मदद करके चर्चा में आए बॉलीवुड स्टार सोनू सूद के सियासी कदमों की आहट से पंजाब कांग्रेस सहम गई है। इसलिए शुक्रवार को कांग्रेस के पंजाब इंचार्ज हरीश चौधरी और CM चरणजीत चन्नी ने चंडीगढ़ में उनसे मुलाकात की। उनकी राजनीतिक नब्ज टटोली।
सोनू खुद चुनाव लड़ना चाहते हैं या फिर परिवार का कोई सदस्य टिकट चाहता है, इसके बारे में चर्चा हुई। सोनू सूद मोगा के रहने वाले हैं, जहां उनकी बहन जमीनी तौर पर राजनीति में खूब सक्रिय हैं। वहीं मीटिंग को गुप्त रखा गया। इसके बारे में न तो औपचारिक ब्यौरा दिया गया और न ही किसी ने तस्वीरें शेयर कीं। सोनू सूद कोरोना काल के बाद खूब लोकप्रिय हैं। चर्चा यह भी है कि पंजाब सरकार उन्हें ब्रांड एंबेसडर बनाना चाहती है, ताकि हाल ही में लिए गए बिजली, पेट्रोल-डीजल से जुड़े फैसलों का प्रचार हो सके। सोनू पहले भी कैप्टन अमरिंदर सिंह के CM रहते पंजाब में कोरोना जागरूकता के लिए ब्रांड एंबेसडर रह चुके हैं।
सोनू सूद कुछ दिन पहले ही पंजाब की सियासत की चर्चा में आए थे, जब उन्होंने एक वीडियो जारी करके कहा था कि नेताओं को मेनिफेस्टो के बारे में जनता से एग्रीमेंट करना चाहिए। फिर जीतने के बाद शपथ लेते वक्त इस्तीफा भी रखना चाहिए। अगर वह तय वक्त पर वादे पूरे नहीं करते तो उन्हें इस्तीफा देना चाहिए।
सोनू सूद इससे पहले AAP के संयोजक और दिल्ली के CM अरविंद केजरीवाल से मुलाकात कर चुके हैं। इसी वजह से कयास लगाए जा रहे थे कि वह पंजाब में आम आदमी पार्टी का CM चेहरा हो सकते हैं। इसको लेकर पंजाब की सियासत गर्मा गई थी। हालांकि, सोनू सूद हमेशा सक्रिय राजनीति में आने से किनारा करते रहे हैं। वह बॉलीवुड में ही काम करने को तरजीह दे रहे हैं।