कांग्रेस के एक और युवा नेता जयवीर शेरगिल ने भी पार्टी छोड़ने का फैसला किया। 39 वर्षीय नेता ने पार्टी में चापलूसी जैसी समस्याओं को गिनाया। साथ ही उन्होंने गांधी परिवार के नेतृत्व पर भी सवाल उठाए। इससे पहले ‘G-23’ में शामिल वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद, आनंद शर्मा जैसे दिग्गज नेता भी संगठन में बदलाव की मांग कर चुके हैं। हाल ही में दोनों नेताओं ने जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश में पार्टी के अहम पदों से इस्तीफा दे दिया है।
कांग्रेस की राजनीति के मौजूदा हाल के अनुसार, दिग्गजों के अलावा युवा नेता भी पार्टी से दूरी बनाते नजर आ रहे हैं। बीते कुछ सालों में ऐसे कई नेता कांग्रेस को अलविदा कह चुके हैं, जिन्हें पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी का करीबी माना जाता था।
सिंधिया अभी भाजपा सरकार में केंद्रीय मंत्री हैं। उन्होंने मार्च 2020 में कांग्रेस से 18 सालों का साथ खत्म कर दिया था। कहा जा रहा है कि मध्य प्रदेश के नेतृत्व को लेकर उन्होंने यह फैसला किया था। उस दौरान करीब 20 विधायक उनके साथ आ गए थे, जिसके बाद राज्य में कमलनाथ के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार गिर गई थी।
उत्तर प्रदेश के बड़े ब्राह्मण चेहरा कहे जाने वाले प्रसाद UPA सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं। उन्होंने यूथ कांग्रेस से करियर की शुरुआत की और साल 2004 में पहली बार लोकसभा में चुने गए। फिलहाल, वह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली यूपी सरकार का हिस्सा हैं।गुजरात में पाटीदार नेता पटेल ने 2022 में कांग्रेस से इस्तीफा दिया है। उन्होंने पार्टी छोड़ते वक्त कांग्रेस नेतृत्व और पार्टी की गुजरात इकाई पर जमकर सवाल उठाए थे। साल 2015 में पाटीदार आंदोलन से चर्चा में आए पटेल ने 2019 में कांग्रेस का दामन थामा था, लेकिन लोकसभा चुनाव में खास प्रदर्शन करने में असफल रहे थे।
कांग्रेस महिला मोर्चा की राष्ट्रीय अध्यक्ष रह चुकीं सुष्मिता देव ने 2021 में पार्टी की सदस्यता छोड़ दी थी। खास बात है कि उन्हें गांधी परिवार का करीबी माना जाता था। असम कांग्रेस के बड़े नेताओं में शुमार देव ने अगस्त 2021 में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस का दामन थाम लिया था। 2019 लोकसभा चुनाव में सिलचर से उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।राजस्थान के सचिन पायलट और महाराष्ट्र में मिलिंद देवड़ा के भी सुर बदले हुए नजर आ रहे थे। एक ओर जहां पूर्व केंद्रीय मंत्री राजेश पायलट के बेटे सचिन जुलाई 2020 में पार्टी के खिलाफ बगावत कर चुके हैं। वहीं, देवड़ा भी भारतीय जनता पार्टी के कई फैसलों की तारीफ कर चुके हैं।