कांग्रेस पार्टी प्रदेश में अपनी जमीन मजबूत करने के लिए नये-नये प्रयोग कर रही है। पार्टी को अब स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों व उनके आश्रितों की याद आई है। इसको लेकर पार्टी ने जिला व शहर अध्यक्षों को खोजने के लिए लगाया है। इतना ही नहीं पार्टी की पहचान को लेकर सभी कांग्रेसियों के घरों व वाहनों पर पार्टी का झंडा लगाने के भी निर्देश दिए है।
वहीं नगरीय निकाय चुनाव की घोषणा होने के बाद से जांच क्षेत्रीय दलों में टिकट चाहने वालों की भरमार है, तो वह राष्ट्रीय पार्टी कांग्रेस में उतने आवेदन नहीं आ रहे हैं। जितने कि पार्टी नेताओं को उम्मीद थी। पार्टी को टिकट चाहने वालों से आवेदन मांगना पड़ा है। पार्टी ने इसके लिए जोन वार व्यवस्था करते हुए मोबाइल नंबर भी जारी कर दिए है
प्रदेश में कांग्रेस अपनी पुरानी साख वापस लाने के लिए संघर्ष कर रही है। इसके लिए पार्टी नये-नये प्रयोग कर रही है। पार्टी ने अपने पुराने नेताओं को समय-समय पर बाहर का रास्ता दिखा दिया। इसके चलते भी पार्टी कई क्षेत्रों में कमजोर हुई है। इसकी भरपाई अभी तक नहीं हो पाई है। मौजूदा समय में उत्तर प्रदेश में पार्टी की कमान ज्यादातर दूसरे दलों से आये नेता संभाल रहे हैं‚ जो पुराने कांग्रेसियों के साथ उस तरह घुल-मिल नहीं पा रहे हैं‚ जैसा होना चाहिए। ऐसी स्थिति में भी पार्टी जनता के बीच मजबूत नहीं हो पा रही है। अपनी पुरानी जमीन पाने के लिए कांग्रेस ने एक नया तरीका अपनाया है
इसके तहत उसने जीवित स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों व उनके आश्रितों की खोज शुरू कर दी है। कांग्रेस अब इनके नाम‚ पता व फोन नम्बर एकत्रित करने में जुट गयी है। प्रदेश हाई कमान की ओर से प्रशासन प्रभारी दिनेश कुमार सिंह ने इसको लेकर दिशा-निर्देश भी जिला व शहर अध्यक्षों को जारी किये गये हैं। आठ अप्रैल को जारी इन निर्देशों में जिला व शहर अध्यक्षों को यह सूची सात दिनों में देने की बात कही गयी है।
इसी तरह आम जनता की निगाहों में पार्टी की पहचान बनाने के लिए भी कांग्रेसियों को हिदायत दी गयी है। प्रदेश कांग्रेस की ओर ने प्रदेश के वर्तमान व पूर्व प्रदेश पदाधिकारियों‚ जिला व शहर कमेटी के वर्तमान व पूर्व पदाधिकारियों के साथ ही पूर्व सांसदों‚ विधायकों‚ फ्रन्टल संगठनों‚ विभागों‚ प्रकोष्ठों के समस्त पदाधिकारियों से कहा गया है कि वे अपने घरों व वाहनों पर पार्टी का झंड़ा लगाएं।
प्रदेश हाईकमान ने कहा है कि पार्टी का झंड़ा प्रत्येक कांग्रेसजन के लिए उसकी आन-बान-शान है और इस ध्वज से प्रत्येक कांग्रेसी का भावनात्मक लगाव है। ऐसे में सभी कांग्रेसियों को अपने घरों व वाहनों पर कांग्रेस का ध्वज लगाना अनिवार्य है। पार्टी हाईकमान का मानना है कि पार्टी का झंड़ा यदि जनता के बीच जाएगा‚ तो इससे पार्टी को पहचान मिलेगी और पार्टी का प्रचार भी होगा। उत्तर प्रदेश में अपनी जमीन बनाने के लिए परेशान कांग्रेस का यह रणनीति अब कितनी कामयाब होगी‚ यह तो समय ही बताएगा
नगरीय निकाय चुनाव की घोषणा होते ही सभी राजनीतिक दल पूरी तरह से चुनाव में लग गए हैं और ऐसे प्रत्याशियों की तलाश में जुट गए। जिनकी जनता के बीच अच्छी पहचान है और वह जीत हासिल कर पार्टी की पहचान बना सकें। हालांकि कांग्रेस भी ऐसे ही प्रत्याशियों की तलाश में जुटी है। लेकिन अच्छे उम्मीदवारों की प्राथमिकता में पहले भाजपा और समाजवादी पार्टी शामिल है। इसके बाद अन्य दलों का नंबर आता है। कांग्रेस भी इसी में शामिल है। जहां अच्छे उम्मीदवारों की कमी दिखाई दे रही है।
ऐसे में पार्टी को जोन वार हेल्पलाइन नंबर जारी करने पर उन्हें कांग्रेस ने पूर्वांचल, प्रयाग, पश्चिम, ब्रज बुंदेलखंड व कानपुर जोन के लिए अलग-अलग नंबर जारी किया। यह भी कहा कि इन नंबरों से संबंधित किसी भी समस्या के समाधान के लिए कॉल करने पर सीधे वार रूम जुड़ सकते हैं। इसके साथ ही कहा गया कि उत्तर प्रदेश निकाय चुनाव 2023 में जनहितकारी योजनाओं को लाने के लिए प्रतिबद्ध कांग्रेस का उम्मीदवार बनने के लिए यदि आपने अभी तक आवेदन नहीं किया है तो अभी कर सकते हैं इसके लिए आप प्रदेश नेतृत्व चीजें जो सकते हैं।