नयी दिल्ली : अर्थव्यवस्था में सुस्ती को लेकर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के संवाददाता सम्मेलन को ‘निराशाजनक और नीरस’ करार देते हुए कांग्रेस ने शनिवार को आरोप लगाया कि निर्मला इस संकट को लेकर बेखबर हैं और इससे उबरने के लिए सरकार के पास कोई विजन नहीं है. पार्टी के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने यह भी कहा कि अगर यही स्थिति बनी रही, तो कुछ महीनों में ही अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर देश को अभूतपूर्व संकट का सामना करना पड़ सकता है.
उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि देश की वित्त मंत्री का संवाददाता सम्मेलन निराशाजनक और नीरस था. देश की आर्थिक स्थिति और संकट को देखते हुए ऐसे कदम की उम्मीद थी, जिससे चीजें सही हों और नयी शुरुआत हो, लेकिन कोई ऐसा कदम नहीं उठाया गया, जिससे यह लगे कि अर्थव्यवस्था को संकट से उबारने की दिशा में आगे बढ़ा जा रहा है. उन्होंने दावा किया कि वित्त मंत्री इससे बेखबर हैं कि अर्थव्यवस्था को इस संकट से कैसे उबारा जायेगा.
शर्मा ने कहा कि वित्त मंत्री को देश के अर्थतंत्र की गाड़ी आगे की ओर चलाने की जिम्मेदारी मिली है. उन्हें रिवर्स गीयर में गाड़ी नहीं चलानी चाहिए. उन्होंने दावा किया कि सरकार के पास कोई विजन नहीं है. 23 अगस्त को जो घोषणा हुई थी, उसके बाद कुछ नहीं हुआ. हालात में सुधार के बजाय खराबी आयी है. वाहनों की बिक्री में लगातार गिरावट आ रही है. लाखों नौकरियां चली गयीं.
वित्त मंत्री सीतारमण और वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल के बयानों का हवाला देते हुए कांग्रेस नेता ने कहा कि मंत्रियों के बयानों ने देश को चौंका दिया है. वे संकट के लिए युवाओं को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं. इसके लिए वित्त मंत्री ने क्षमा भी नहीं मांगी. देश के लोगों को इतना बड़ा अपमान किसी मंत्री ने नहीं किया. उन्होंने कहा कि अगर अर्थव्यवस्था की यही स्थिति रही, तो कुछ महीनों में देश के सामने अभूतपूर्व संकट होगा. इसके लिए सरकार की कोताही और अहंकार जिम्मेदार होगा.
शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री ने अगले पांच वर्षों में 5 हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था तक पहुंचने की बात की, वित्त मंत्री ने भी इस बारे में की और वाणिज्य मंत्री ने भी बात की. अब कौन सी जादू की छड़ी है कि इतने कम समय में देश यहां तक पहुंच जायेगा. हमने बार-बार कहा है कि इस लक्ष्य तक पहुंचने के लिए हर साल जीडीपी विकास की दर नौ फीसदी होनी चाहिए.
उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि विरोधी दलों खासकर कांग्रेस के नेताओं के खिलाफ प्रतिशोध की कार्रवाई की जा रही है. इस सरकार की जो आलोचना करता है, उसे एन्टी नेशनल घोषित कर दिया जाता है. यह लोकतंत्र के लिए खतरनाक है. इससे देश की छवि खराब होती है.
गौरतलब है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को कहा कि देश में औद्योगिक उत्पादन और स्थिर निवेश में सुधार के स्पष्ट संकेत दिखायी दे रहे हैं. उन्होंने यह बात ऐसे समय की है, जबकि आर्थिक वृद्धि की दर छह साल के निचले स्तर पर आ गयी है. उन्होंने एक संवाददाता सम्मेलन में नरमी के दौर से गुजर रही घरेलू अर्थव्यवस्था के लिये प्रोत्साहनों की तीसरी किस्त की घोषणा की.