कांग्रेस पार्टी का नेतृत्व कौन करेगा इसे लेकर संशय अब भी बरकरार है। लोकसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद राहुल गांधी इस्तीफा दे चुके हैं और उन्होंने स्पष्ट कर दिया है कि पार्टी जल्द ही कोई अध्यक्ष ढूंढ ले। वहीं पार्टी इस मुद्दे का समाधान निकालने में असमर्थ लग रही है। राहुल गांधी की एक हफ्ते के लिए विदेश यात्रा पर जाने की योजना है। इसपर पार्टी के सूत्रों का कहना है कि ऐसे में वह अपने लिए नया अध्यक्ष चुनने के लिए अनाधिकारिक तौर पर तय की गई 20 जुलाई की डेडलाइन को पूरा नहीं कर पाएंगे। पार्टी के वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘किसी के नाम को लेकर सहमति नहीं बन पाई है।’
पार्टी नेता ने बताया कि जब तक गांधी परिवार का कोई सदस्य अध्यक्ष पद को नहीं संभालता है तब तक किसी वरिष्ठ खासतौर से दलित के हाथ में कांग्रेस की कमान दिए जाने का सुझाव था लेकिन कई परेशानियों के कारण यह पूरा नहीं हो पाया। कुछ लोगों का मानना है कि किसी युवा को अध्यक्ष बनाना चाहिए।
पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने दो बार सार्वजनिक तौर पर कहा है कि वरिष्ठ के बजाए किसी युवा को पार्टी का नेतृत्व करना चाहिए। पार्टी की कमान संभालने के लिए मोतीलाल वोरा का नाम सामने आया था लेकिन बात नहीं बनी। दबाव और विरोध के बीच पार्टी के प्रबंधक अध्यक्ष की नियुक्ति को दो-तीन महीने के लिए टालकर पद के लिए चुनाव कराना चाहते हैं।
योजना के अनुसार संगठन के प्रभारी महासचिव केसी वेणुगोपाल को अन्य पदाधिकारियों और कांग्रेस कार्यसमिति के सदस्यों के साथ बातचीत के जरिए नियमित मुद्दों को सुलझाने के लिए अधिकृत किया जा सकता है। लेकिन इस बात में संदेह है कि यह तैयारी पर्याप्त होंगी या नहीं क्योंकि कुछ राज्यों में चुनाव होने हैं और पार्टी के सामने चुनौतियां खड़ी हैं। जिसमें राज्य इकाईयों में गुटबाजी और असंतोष शामिल है।