कांग्रेस ने संसद के बजट सत्र में पेट्रोल-डीजल-गैस की कीमतों के साथ बढ़ती महंगाई और किसानों से हुए समझौते के मुद्दे पर चर्चा नहीं कराने को लेकर सरकार पर जमकर निशाना साधा है। संसद में विपक्षी दलों की अगुआई कर रही कांग्रेस ने आरोप लगाया कि इन मुद्दों पर लगातार चर्चा से भाग रही सरकार ने बहस से बचने के लिए ही सत्र को दो दिन पहले खत्म कर दिया। एनडीए-भाजपा सरकार पर लोकसभा की कार्य मंत्रणा समिति की बैठक में महंगाई पर चर्चा के लिए बनी सहमति तोड़ने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस ने कहा कि यह सरकार की वादाखिलाफी है।
बजट सत्र खत्म होने के बाद राज्यसभा में नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, लोकसभा में कांग्रेस संसदीय दल के नेता अधीर रंजन चौधरी और राज्यसभा में कांग्रेस के मुख्य सचेतक जयराम रमेश ने संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस कर केंद्र सरकार पर हमला बोला। खड़गे ने कहा कि पेट्रोल डीजल गैस की कीमतें बेतहाशा बढ़ रही हैं और जनता की मुश्किलों से जुड़े मसले पर चर्चा के डर से भाग कर सरकार ने सत्र को तय समय से पहले ही खत्म कर दिया।
उन्होंने कहा कि सत्र के दौरान महंगाई समेत कई अहम विषयों को विपक्ष ने उठाने का बार-बार प्रयास किया मगर इसकी अनुमति नहीं दी गई। जयराम रमेश ने कहा कि संसद के सामने शुक्रवार तक के कामकाज का एजेंडा था और इसमें सरकार के दो विधेयक भी शामिल थे। विपक्ष इन विधेयकों को पारित कराने के लिए भी सहमत था लेकिन यह हैरत की बात है कि सरकार खुद भाग गई।
उन्होंने कहा कि महंगाई के अलावा किसान संगठनों के साथ सरकार के हुए समझौते पर विपक्षी दल चर्चा चाहते थे और दीपेंद्र हुडृडा ने इसके लिए कई बार नोटिस भी दिया मगर सरकार आम लोगों से जुड़े किसी भी मुद्दे पर सदन में चर्चा नहीं होने देना चाहती थी। जयराम समेत सभी पार्टी नेताओं ने कहा कि सरकार सदन से चाहे इन मुद्दों पर भाग गई हो लेकिन कांग्रेस जनता के बीच इन सवालों को उठाना जारी रखेगी।
राज्यसभा में सदन के नेता वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल के सदन से अनुपस्थित रहने पर भी जयराम रमेश ने सवाल उठाते हुए कहा कि वे लापता हैं और पहली बार हुआ है कि सदन के नेता दिखाई नहीं दे रहे जबकि अरुण जेटली और थावर चंद गहलोत सदन के नेता के तौर पर हमेशा मौजूद रहते थे।