कांग्रेस ने बिहार लोकसभा चुनाव के लिए अब तक महागठबंधन में हासिल 9 सीटों में से तीन सीटों पर ही उम्मीदवारों के नाम की घोषणा की है। रविवार को दिल्ली में कांग्रेस सेन्ट्रल इलेक्शन कमिटी की बैठक हुई जिसमें सोनिया गांधी, राहुल गांधी और राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को अन्य सीटों पर उम्मीदवारों के चयन के लिए अधिकृत किया गए। कमिटी ने अपनी रिपोर्ट भी सौंप दी है। उम्मीद है जल्द ही उम्मीदवारों के नामों का ऐलान कर दिया जाएगा। जानकारी है कि इन चार सीटों पर उम्मीदवारों के नाम लगभग तय हो गए हैं।
समस्तीपुर में एनडीए समर्थित लोजपा (रा) की तरफ से मंत्री अशोक चौधरी की बेटी और किशोर कुणाल की बहू शांभवी चौधरी नामांकन भर चुकी हैं। गठबंधन इंडिया की तरफ से उम्मीदवार की घोषणा अब तक नहीं की गई है। यह सीट कांग्रेस के खाते में गई है। यहां से मंत्री और जेडीयू नेता महेश्वर हजारी के पुत्र सन्नी हजारी कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ सकते हैं। कुछ दिन पहले ही उन्होंने कांग्रेस की सदस्यता ली है। वे खानपुर प्रखंड के प्रमुख भी हैं। सन्नी लोजपा (रा) से लोकसभा का टिकट चाहते थे। चिराग पासवान से उन्होंने मुलाकात भी की थी लेकिन चिराग ने उन्हें टिकट नहीं देकर शांभवी चौधरी को टिकट दे दिया।
यहां से अजय निषाद को कांग्रेस टिकट दे सकती है। कुछ दिन पहले दिल्ली में उन्होंने बीजेपी छोड़ कांग्रेस की सदस्यता ले ली है। वे यहां से सीटिंग एमपी हैं, लेकिन बीजेपी ने इसका टिकट काट दिया और इनकी जगह डॉ. राजभूषण चौधरी को टिकट दे दिया। 2019 में अजय निषाद ने डॉ.राजभूषण चौधरी को 409988 वोट से हराया था।
निषाद बीजेपी से और डॉ. राजभूषण वीआईपी के प्रत्याशी थे। अजय निषाद को 666878 वोट और राजभूषण को 256890 वोट मिले थे। अजय निषाद 2014 का लोकसभा चुनाव भी जीते थे और पूर्व केन्द्रीय मंत्री अखिलेश प्रसाद सिंह को हराया था।
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह अपने बेटे आकाश सिंह को इस बार भी लोकसभा चुनाव लड़ाने के लिए जी-जान लगाए हुए हैं। कांग्रेस में कई दावेदार होने के बावजूद अखिलेश प्रसाद सिंह एक बार फिर कांग्रेस से राज्य सभा गए हैं। अब बेटे को टिकट देने की घोषणा बाकी है! महाराजगंज से उनके पुत्र आकाश सिंह को कांग्रेस टिकट दे सकती है। यह राजपूत-भूमिहार की मजबूत आबादी वाला क्षेत्र है। 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के उम्मीदवार जनार्दन सिंह सिग्रीवाल यहां से जीते थे।
एक बार फिर से बीजेपी ने उन्हें ही टिकट दिया है। तब उन्हें 546352 वोट मिले थे। आरजेडी के रणधीर सिंह को 315580 वोट मिले थे। 2014 में सिग्रीवाल ने प्रभुनाथ सिंह को हराया था। आकाश 2019 में भी लोकसभा का चुनाव लड़े थे। उन्हें उपेन्द्र कुशवाहा ने पूर्वी चंपारण से आरएलएसपी का टिकट दिया था। बीजेपी नेता राधामोहन सिंह से आकाश बुरी तरह हारे थे।
राधामोहन सिंह को 577787 वोट आए थे जबकि आकाश को 284139 वोट मिले थे। यहां से रेस में प्रभुनाथ सिंह के पुत्र भी रेस में हैं। उन्होंने दो दिन पहले आरजेडी छोड़ दिया है और निर्दलीय लड़ सकते हैं।
यहां से लोकसभा की पूर्वी स्पीकर मीरा कुमार के पुत्र अंशुल को कांग्रेस टिकट दे सकती है। मीरा कुमार इस बार चुनाव नहीं लड़ रही हैं। सासाराम में बीजेपी ने सीटिंग एमपी छेदी पासवान का टिकट का टिकट काटकर शिवेश राम को टिकट दिया है। छेदी पासवान की चर्चा कांग्रेस में जाने की है लेकिन अब तक उन्होंने कांग्रेस की सदस्यता नहीं ली है। मीरा कुमार के पति कुशवाहा जाति से आते हैं इसलिए अंशुल की जाति भी कुशवाहा है।
इसलिए अंशुल सुरक्षित सीट सासाराम में फिट नहीं बैठ रहे, नतीजतन मीरा कुमार बेटे के लिए पटना साहिब की सीट चाहती हैं। हालांकि परशुराम सेवा संघ के प्रदेश महामंत्री आशुतोष पांडेय ने 20 अप्रैल को कांग्रेस प्रभारी मोहन प्रकाश को पत्र लिख कर कांग्रेस नेता मंजीत आनंद साहु को टिकट देने की मांग की है। पत्र में उन्होंने इस सीट पर जाति का गणित भी समझाने की कोशिश की है।