कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित का कहना है कि पार्टी में असमंजस की स्थिति पैदा हो गई है। अगर इस समय पार्टी को पूर्णकालिक अध्यक्ष नहीं मिलता है तो बहुत देर हो जाएगी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस कार्यसमिति (सीडब्ल्यूसी) को प्राथमिकता के आधार पर पहले ही पार्टी नेतृत्व के मसले का समाधान कर लेना चाहिए था। पीटीआइ के साथ विशेष बातचीत में दीक्षित ने कहा कि कांग्रेस में असमंजस की भवना है और यह महसूस किया जा रहा है कि पार्टी को आगे ले जाने के लिए उन्हें अंतरिम अध्यक्ष के साथ ही अपना काम करना होगा।
संदीप दीक्षित ने कहा कि वह किसी व्यक्ति विशेष से बंधे हुए नहीं है। उनके लिए यह मायने नहीं रखता कि पार्टी का अध्यक्ष कौन हो, उसका चुनाव कैसे हो। राहुल गांधी हों या कोई और किसी को भी ‘चयन या मनोनयन’ के जरिए पार्टी अध्यक्ष नियुक्त किया जा सकता है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इस समय पार्टी को एक पूर्णकालिक अध्यक्ष की सख्त जरूरत है।
दीक्षित का यह बयान इस लिहाज से अहम है क्योंकि कांग्रेस के अंतरिम अध्यक्ष के रूप में सोनिया गांधी का कार्यकाल अगले महीने के शुरू में खत्म हो रहा है और पार्टी अगले अध्यक्ष के चयन को लेकर अभी भी जूझ रही है। उन्होंने कहा कि सोनिया गांधी अध्यक्ष के तौर पर बहुत ही योग्य और सराहनीय काम कर रही हैं। पहले उन्होंने इसलिए पद छोड़ा था कि क्योंकि वह चाहती थीं कि कोई (राहुल गांधी) आगे बढ़े और अध्यक्ष पद संभाले और वह पीछे बैठकर काम करें।