आयोग ने ‘एक देश, एक चुनाव’ का रोड मैप पेश किया, पढ़िए रिपोर्ट

लोकसभा और विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराने के मुद्दे पर पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में गठित कमेटी और विधि आयोग की अहम बैठक बुधवार को हुई। इसमें आयोग ने ‘एक देश, एक चुनाव’ का रोड मैप पेश किया। साथ ही तय कार्यकाल से पहले सरकार गिरने की स्थिति में अगले चुनाव तक क्या व्यवस्था रहे, इसके दो मॉडल सुझाए।
पहला- सरकार गिरने के समय लोकसभा या विधानसभा का कार्यकाल 2 साल से कम बचा हो तो सर्वदलीय सरकार बनाई जाए। लोकसभा में इसे ‘राष्ट्रीय एकता की सरकार’ कहा जाएगा। दूसरा मॉडल- सरकार गिरने पर मध्यावधि चुनाव हो तो यह 5 साल की सरकार के लिए नहीं, बल्कि बचे हुए कार्यकाल के लिए ही कराया जाए। मध्यावधि चुनाव भी तभी हो, जब कार्यकाल 2 साल से अधिक बचा हो।
आयोग ने साफ किया कि एक साथ चुनाव कराना संविधान के बुनियादी ढांचे, संघीय ढांचे या लोकतांत्रिक व्यवस्था को प्रभावित नहीं करता, बल्कि इन स्तंभों को मजबूत करता है। देश की प्रगति, संसाधनों की बचत और जनता के हितों के लिए यह कदम जरूरी है।
कमेटी को बताया गया कि 2029 या 2034 में लोकसभा चुनाव के साथ विधानसभाओं के चुनाव सुनिश्चित करने के लिए कितने राज्यों में सरकार का कार्यकाल बढ़ाना और कितने में घटाना पड़ सकता है। यह लक्ष्य विशेष प्रावधान के माध्यम से हासिल किया जा सकता है।
आयोग ने यह भी सिफारिश की है कि लोकसभा-विधानसभा चुनाव एक साथ कराने के लिए संविधान में एक विशेष प्रावधान शामिल करना होगा। इसमें व्यवस्था हो कि लोकसभा चुनाव की घोषणा के बाद राज्य में विधानसभा चुनाव की अधिसूचनाएं जारी करने के अधिकार राज्यपाल के पास होंगे।
संभव हो तो स्थानीय निकाय के चुनाव भी लोकसभा व विधानसभा चुनाव के साथ कराए जाएं। आयोग ने बताया कि संविधान में इस प्रावधान को जोड़ने की व्यवस्था मौजूद है। संसदीय माध्यम से इस प्रावधान का अनुच्छेद संविधान में जोड़ा जा सकता है।
आयोग ने सिफारिश की है कि सर्वदलीय सरकार में लोकसभा या विधानसभा में दलों की सदस्य संख्या के अनुपात में प्रतिनिधित्व मिलना चाहिए। यानी, सरकार का ढांचा सदन में ताकत के हिसाब से तय होगा। आयोग ने इस तरह की सरकारों के कम्पोजीशन भी सुझाए हैं।
बैठक में आयोग के अध्यक्ष जस्टिस ऋतुराज अवस्थी, सदस्य प्रोफेसर आनंद पालीवाल और सदस्य सचिव केटी बिस्वाल ने 45 मिनट की प्रजेंटेशन दी। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, गुलाम नबी आजाद, सुभाष कश्यप सभी सदस्य मौजूद रहे।
एक देश-एक चुनाव पर लॉ कमीशन ने अपनी रिपोर्ट लगभग तैयार कर ली है। कमीशन पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली हाई लेवल कमेटी से चर्चा कर इसे केंद्रीय कानून मंत्रालय को सौंपेगा। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि परिसीमन के बाद 2029 में एक देश-एक चुनाव संभव है
‘वन नेशन वन इलेक्शन’ सिर्फ चर्चा का विषय नहीं बल्कि भारत की जरूरत है। हर कुछ महीने में कहीं न कहीं चुनाव हो रहे हैं। इससे विकास कार्यों पर प्रभाव पड़ता है।’ नवंबर 2020 में PM नरेंद्र मोदी ने 80वें अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारी सम्मेलन को संबोधित करते हुए ये बात कही थी।
करीब 3 साल बाद 1 सितंबर 2023 को सरकार ने वन नेशन वन इलेक्शन पर एक कमेटी बनाई। इसके अध्यक्ष पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद हैं।