पाकिस्तान की सत्ता से बेदखल होने के बाद इमरान खान लगातार सरकार विरोधी रैलियां कर रहे हैं और अपने समर्थकों संग बड़े बड़े जलसे कर रहे हैं। इसी बीच उन्होंने चुनाव की मांग को लेकर शुरू किया आजादी मार्च खत्म करने का फैसला लिया। इससे पहले उन्होंने सरकार को चुनौती देते हुए अपने समर्थकों का आह्वान किया था। हालांकि इस आजादी मार्च को लेकर वे लगातर निशाने पर रहे। प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ की भतीजी मरियम नवाज ने तो यहां तक कह दिया कि इमरान खान अपने बेटों को पाकिस्तान में बुलाएं और उन्हें सड़कों पर उतारें।
दरअसल, इमरान खान ने जल्द चुनाव की मांग को लेकर एक विशाल आजादी मार्च की शुरुआत की थी और उन्होंने इस मार्च को जिहाद का नाम दिया था। इसी को लेकर वे निशाने पर आ गए। पाकिस्तान में सत्तारूढ़ मुस्लिम लीग की उपाध्यक्ष और पीएम की भतीजे मरियम नवाज ने कहा है कि अगर इमरान खान को लगता है कि यह मार्च एक जिहाद है तो उन्हें लंदन में रह रहे अपने बेटों को भी बुलाना चाहिए क्योंकि जिहाद तो हर मुसलमान का फर्ज है।
एक रैली को संबोधित करते हुए मरियम नवाज ने कहा कि जिहाद तो हर मुसलमान पर फर्ज है फिर इमरान खान ने अपने बेटों कासिम और सुलेमान को लंदन में क्यों बिठाया हुआ है। तुम्हारे बच्चे लंदन में और यहां लोग सड़कों पर रहें, सबसे पहले अपने बच्चों से कहिए कि वे ब्रिटिश पासपोर्ट को आग लगाकर आएं और आजादी मार्च में शामिल हों और उसकी अगुवाई करें।
इससे पहले पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने मार्च को समाप्त करने का ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि यह कदम रक्तपात से बचने के लिए उठाया गया है क्योंकि देश के कई शहरों में मेरी पार्टी के सदस्यों के साथ पुलिस दुर्व्यवहार कर रही थी। मैंने लोगों के बीच इसे लेकर भारी आक्रोश देखा है। पुलिस ने मार्च को रोकने के लिए जो किया उसे लेकर लोगों के बीच मैंने गुस्सा देखा है। इस बात का डर था कि अगर मार्च तय योजना के अनुसार चलता रहा तो देश में अराजकता फैल जाती।
इमरान ने सेना से समझौता करने के आरोप को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि आजादी मार्च खत्म करना हमारी कमजोरी मत समझिए और यह भी मत समझिए कि कोई समझौता हुआ है। मुझे अजीब बातें सुनने को मिल रही हैं, मैंने किसी के साथ कोई समझौता नहीं किया है।