CM अरविंद केजरीवाल ने कार्यकर्ताओं से मांगा ये खास तोहफा, आज अपना जन्मदिन नहीं मनाएंगे अरविन्द केजरीवाल

दिल्ली के सीएम और आप संयोजक अरविंद केजरीवाल का आज जन्मदिन है. पर वो अपना जन्मदिन नहीं मनाएंगे. शनिवार को केजरीवाल ने स्वतंत्रता दिवस पर देश भर के पार्टी कार्यकर्ताओं संबोधित किया. केजरीवाल ने कार्यकर्ताओं से कहा, कल(रविवार) मैं जन्मदिन नहीं मना रहा हूं, सभी से अपील है कि मेरे घर बंधाई देने मत आइए, लेकिन गिफ्ट में आप ऑक्सी मीटर दे सकते हैं.

केजरीवाल ने कहा कि अपने गांव में अपने इलाके में ऑक्सीजन केंद्र शुरू कीजिए. सभी कार्यकर्ताओं, सपोर्टर्स, डोनर्स से अपील है कि हम ये प्लान कर रहे हैं कि ज्यादा से ज्यादा गांवों के अंदर हर गांव में एक-एक व्यक्ति को एक-एक ऑक्सी मीटर देकर उस गांव की जिम्मेदारी दी जाए.
अरविंद केजरीवाल ने कहा, “देश कोरोना से जूझ रहा है. दिल्ली में भी एक समय ऐसा ही था. फिर हमने सबको साथ लेकर उसपर काबू पाया. अभी बाजी जीती नहीं है, लेकिन हालात ठीक हुए हैं. इसके लिए प्लाज्मा बैंक बनाएं, बेड्स बढ़ाएं. अभी देश में बढ़ते कोरोना को लेकर चिंता होती है. जो कर रहे हैं, वो अच्छी बात है, लेकिन अभी कोरोना गांव तक पहुंच रहा है.”

दिल्ली सरकार ने केंद्र को दिया ये सुझाव
दिल्ली सरकार का मानना है कि कोरोना संक्रमण विकराल रूप धारण कर चुका है. ऐसी स्थिति में यदि कोरोना संक्रमण देश के गांवों में फैल गया तो फिर स्थिति बेहद विकराल हो सकती है. गांवों में संक्रमण फैलने की आशंका को ध्यान में रखते हुए के लिए दिल्ली सरकार ने केंद्र को हर गांव में ऑक्सीजन सिलेंडर, ऑक्सीमीटर और कोरोना टेस्टिंग किट मुहैया कराने का सुझाव दिया है

केजरीवाल बोले- प्रत्येक गांव में टेस्टिंग की सुविधा भी होनी चाहिए

मुख्यमंत्री ने कहा, “अगर कोरोना गांव गांव में फैल गया तो बहुत ही विकराल रूप धारण कर सकता है. प्रत्येक गांव में ऑक्सीमीटर और ऑक्सीजन सिलेंडर उपलब्ध कराए जाने चाहिए. प्रत्येक गांव में टेस्टिंग की सुविधा भी होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि प्रतिदिन 60 हजार से अधिक नए मामले सामने आ रहे हैं और प्रतिदिन एक हजार अधिक लोग कोरोना के कारण अपनी जान गवां रहे हैं.”
केजरीवाल ने कहा कि यदि कोई व्यक्ति कोरोना संक्रमित पाया जाता है और उसमें हल्के लक्षण हैं तो उसका उपचार घर पर ही किया जा सकता है. थोड़ा ज्यादा बीमार व्यक्ति को ग्राम पंचायत में ऑक्सीजन दी जा सकती है. स्थिति ज्यादा खराब होने पर रोगी को जिला अस्पतालों में भर्ती कराया जा सकता है. ऐसा करने पर कोरोना संक्रमण को फैलने से रोका जा सकेगा, साथ ही अस्पतालों पर दबाव भी नहीं बढ़ेगा.