केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह की नाराजगी के 24 घंटे के भीतर सामने आई 2 नेताओं की सफाई, जानें -क्या कहा

केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह के अपनी बेटी को नगर परिषद प्रधान पद के चुनाव नहीं लड़ाए जाने के बयान को लेकर पूर्व विधायक रणधीर सिंह कापड़ीवास व हरको बैंक के चेयरमैन अरविंद यादव भी मुखर हो गए हैं। राव इंद्रजीत सिंह की नाराजगी के बाद रणधीर सिंह कापड़ीवास और अरविंद यादव दोनों की एक तरह से सफाई आई है। पूर्व विधायक रणधीर सिंह कापड़ीवास का कहना है कि आरती राव का नाम प्रधान पद के लिए रखने के पीछे कोई साजिश नहीं है।

पूर्व विधायक रणधीर सिंह कापड़ीवास का कहना है कि नगर परिषद एवं पंचायत चुनाव किसी भी नेता के लिए पहली सीढ़ी है, इसलिए ही मैंने आरती राव का नाम नगर परिषद चेयरमैन पद के लिए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष, मुख्यमंत्री मनोहर लाल एवं चुनाव प्रभारी प्रो. रामबिलास शर्मा को सुझाया था। इस बहाने केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह को आरती को चुनाव लड़ाने की इच्छा भी पूरी हो जाएगी। यह हैरान करने वाली बात है कि राव इंद्रजीत सिंह आरती राव का नाम प्रधान पद के लिए आगे बढ़ाने को साजिश मान रहे हैं। चुनाव लड़ने वाले की नीयत साफ हो तो कोई भी चुनाव छोटा नहीं होता।

वहीं अरविंद यादव ने कहा कि आरती राव को चुनाव लड़ाने का सुझाव साजिश नहीं बल्कि केंद्रीय मंत्री के प्रति सम्मान है। उन्हें इससे कदम पीछे नहीं हटाने चाहिए। राव निकाय चुनाव को छोटा मान रहे हैं जबकि कोई भी चुनाव छोटा नहीं होता। बहुत से बड़े नेता गांव के सरपंच व पार्षद बनकर ही शीर्ष पर पहुंचे हैं।

दूसरी ओर केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने खुद इस मुद्दे को अनावश्यक मानते हुए शुक्रवार को कुछ भी नहीं कहा लेकिन उनके कार्यालय सचिव रवि यादव के अनुसार जब आरती यादव का वोट ही रेवाड़ी नगर परिषद क्षेत्र में नहीं है यह जानते हुए भी उनका नाम चलाना एकदम बचकाना हरकत है। इस मुद्दे पर हम कुछ नहीं कहेंगे।

अच्छी पत्रकारिता मायने रखती है, संकटकाल में तो और भी अधिक

-क्यों न्यूज़ मीडिया संकट में है और कैसे आप इसे संभाल सकते हैं

-आप ये इसलिए पढ़ रहे हैं क्योंकि आप अच्छी, समझदार और निष्पक्ष पत्रकारिता की कद्र करते हैं. इस विश्वास के लिए हमारा शुक्रिया.

-आप ये भी जानते हैं कि न्यूज़ मीडिया के सामने एक अभूतपूर्व संकट आ खड़ा हुआ है. आप मीडिया में भारी सैलेरी कट और छटनी की खबरों से भी वाकिफ होंगे. मीडिया के चरमराने के पीछे कई कारण हैं. पर एक बड़ा कारण ये है कि अच्छे पाठक बढ़िया पत्रकारिता की ठीक कीमत नहीं समझ रहे हैं.

-द दस्तक 24 अच्छे पत्रकारों में विश्वास करता है. उनकी मेहनत का सही मान भी रखता है. और आपने देखा होगा कि हम अपने पत्रकारों को कहानी तक पहुंचाने में जितना बन पड़े खर्च करने से नहीं हिचकते. इस सब पर बड़ा खर्च आता है. हमारे लिए इस अच्छी क्वॉलिटी की पत्रकारिता को जारी रखने का एक ही ज़रिया है– आप जैसे प्रबुद्ध पाठक इसे पढ़ने के लिए थोड़ा सा दिल खोलें और मामूली सा बटुआ भी.

अगर आपको लगता है कि एक निष्पक्ष, स्वतंत्र, साहसी और सवाल पूछती पत्रकारिता के लिए हम आपके सहयोग के हकदार हैं तो नीचे दिए गए लिंक को क्लिक करें और हमारे यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करें . आपका प्यार द दस्तक 24 के भविष्य को तय करेगा.
https://www.youtube.com/channel/UC4xxebvaN1ctk4KYJQVUL8g

आदर्श कुमार

संस्थापक और एडिटर-इन-चीफ