प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने CJI डीवाई चंद्रचूड़ की सराहना की है। CJI ने कहा था कि जल्द ही सुप्रीम कोर्ट के फैसलों की कॉपी हिंदी समेत देश की अन्य भाषाओं में मिलने लगेंगी। इसे लेकर पीएम मोदी ने कहा कि यह बहुत अच्छा विचार है, जिससे खास तौर पर युवाओं समेत कई लोगों को मदद मिलेगी।
शनिवार को मुंबई में काउंसिल ऑफ महाराष्ट्र एंड गोवा (BCMG) के कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे CJI ने कोर्ट के फैसलों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के जरिए दूसरी भाषाओं में ट्रांसलेट करने के संकेत दिए थे। उन्होंने कहा कि इससे गांवों में रहने वाले लोगों को उनकी भाषा में फैसलों की जानकारी आसानी से मिल सकेगी। उन्होंने पहले कहा था- कोर्ट पेपरलेस हो, यह मेरा मिशन है।चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि हमें अपने सिस्टम की खामियों को ढंकने की जरूरत नहीं है। हमें इसे सामने लाकर इसकी मरम्मत करने की कोशिश करनी चाहिए। उन्होंने कोर्ट से जुड़ी सूचनाएं मिलने में आने वाली परेशानियां दूर करने के लिए तकनीक के इस्तेमाल पर जोर दिया।
चीफ जस्टिस ने कोर्ट की कार्यवाही की लाइव-स्ट्रीमिंग पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि कानून में रुचि रखने वाले टीचर्स और स्टूडेंट्स लाइव-स्ट्रीमिंग के जरिए कोई भी केस देख सकते हैं, उसे समझ सकते हैं और उस पर चर्चा कर सकते हैं। जब आप लाइव किसी मुद्दे पर चर्चा करते हैं, तो पता चलता है कि समाज में कितना अन्याय हो रहा है।
CJI ने कहा कि देश का अदालती सिस्टम लोगों के लिए बनाया गया है और सिस्टम व्यक्ति के ऊपर नहीं हो सकता है। उन्होंने कार्यक्रम में पहुंचे युवा वकीलों को संबोधित करते हुए कहा कि मैं कामना करूंगा कि आप ऊंची उड़ान भरें और अपने सपने साकार करें।कोर्ट में सोशल गैदरिंग पर जोर देते हुए CJI ने कहा- युवा और नए वकीलों को जितने ज्यादा मौके दिए जाएंगे, वकालत का पेशा उतना ही समृद्ध होगा। हमें अवसर को कुछ खास लोगों तक ही सीमित नहीं रखना चाहिए, इसके लिए हाशिए पर पड़े समुदाय के वकीलों को मौका देना जरूरी है। उन्होंने कहा- मैं सुप्रीम कोर्ट में रोज आधा घंटा युवा वकीलों को सुनता हूं, इससे देश की नब्ज का पता चलता है।
जस्टिस चंद्रचूड ने BCMG के न्यूज-व्यूज चैनल की भी शुरुआत की। न्यूज-व्यूज देश का पहला बार काउंसिल न्यूज चैनल है। उन्होंने युवा वकीलों के लिए BCMG की तरफ से तैयार सिविल और क्रिमिनल प्रैक्टिस हैंडबुक का भी विमोचन किया। 50 हजार युवा वकीलों को इस हैंडबुक की कॉपी फ्री में उपलब्ध कराई जाएगी।
कॉलेजियम सिस्टम पर उठ रहे सवालों के बीच चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा है कि लोकतंत्र में कोई भी संस्था परफेक्ट नहीं होती। हमें मौजूदा व्यवस्था के भीतर ही काम करना पड़ता है। न्यायाधीश वफादार सैनिक होते हैं जो संविधान लागू करते हैं। यह बातें उन्होंने पिछले साल संविधान दिवस की पूर्व संध्या पर कही थी। जस्टिस चंद्रचूड़ जब कॉलेजियम को लेकर अपनी बात रख रहे थे, तब कानून मंत्री किरेन रिजिजू भी वहां मौजूद थे।
चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि न्यायपालिका को POCSO एक्ट के तहत कंसेंट (सहमति) की उम्र कम करने को लेकर चल रही बहस पर ध्यान देना चाहिए। नई दिल्ली में प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रन फ्रॉम सेक्शुअल ऑफेन्सेस (POCSO) एक्ट पर हुए कार्यक्रम में उन्होंने यह बात कही।
देश में मूनलाइटिंग को लेकर चल रही बहस के बीच CJI जस्टिस चंद्रचूड़ ने भी मूनलाइटिंग करने की बात स्वीकार की है। पिछले हफ्ते गोवा को एक कार्यक्रम में देश के मुख्य न्यायाधीश ने बताया कि 20-22 साल की उम्र में वे मूनलाइटिंग करते थे।
चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा है कि डिस्ट्रिक्ट जज हीनियस क्राइम (जघन्य अपराध) में जमानत देने से हिचकते हैं। यही वजह है कि हाईकोर्ट्स में जमानत याचिकाओं की बाढ़ आ रही है। यह बात उन्होंने बार काउंसिल ऑफ इंडिया की तरफ से किए सम्मान समारोह के दौरान कही। इस दौरान कानून मंत्री किरेन रिजिजू भी मौजूद थे।