हरियाणा पुलिस की कार्रवाई के बाद अब हिमाचल प्रदेश की पुलिस ने भी अनधिकृत तौर पर अखबार के ई-पेपर की पीडीएफ कॉपी व्हाट्स एप ग्रुप पर प्रसारित करने वालों का संज्ञान लिया है। ‘अमर उजाला’ प्रबंधन की शिकायत के आधार पर पुलिस ने व्हाट्स एप ग्रुप के एडमिन से पूछताछ की है। सभी ने पुलिस को भरोसा दिलाया है कि अब वे ऐसा गैरकानूनी काम नहीं करेंगे।
अखबार के ई-पेपर की पीडीएफ डाउनलोड कर उसे व्हाट्स एप ग्रुप और दूसरे सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर शेयर करना डिजिटल पाइरेसी के दायरे में आता है। ऐसा करना गैरकानूनी है और यह कॉपीराइट कानून का उल्लंघन भी है। पुलिस की पूछताछ में पता चला कि अधिकांश लोग इससे अनभिज्ञ थ
अमर उजाला की शिकायत पर साइबर क्राइम पुलिस ने हिमाचल के कई एडमिन से पूछताछ की, सभी ने सोशल मीडिया ग्रुप में ई-पेपर डालने से की तौबा
हरियाणा पुलिस की कार्रवाई के बाद अब हिमाचल प्रदेश की पुलिस ने भी अनधिकृत तौर पर अखबार के ई-पेपर की पीडीएफ कॉपी व्हाट्स एप ग्रुप पर प्रसारित करने वालों का संज्ञान लिया है। ‘अमर उजाला’ प्रबंधन की शिकायत के आधार पर पुलिस ने व्हाट्स एप ग्रुप के एडमिन से पूछताछ की है। सभी ने पुलिस को भरोसा दिलाया है कि अब वे ऐसा गैरकानूनी काम नहीं करेंगे।
अखबार के ई-पेपर की पीडीएफ डाउनलोड कर उसे व्हाट्स एप ग्रुप और दूसरे सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर शेयर करना डिजिटल पाइरेसी के दायरे में आता है। ऐसा करना गैरकानूनी है और यह कॉपीराइट कानून का उल्लंघन भी है। पुलिस की पूछताछ में पता चला कि अधिकांश लोग इससे अनभिज्ञ थे।
हिमाचल प्रदेश में सक्रिय कई व्हाट्स एप ग्रुप में ‘अमर उजाला’ अखबार के ई-पेपर की पीडीएफ अनधिकृत रूप से प्रसारित करने की जानकारी मिल रही थी। ‘अमर उजाला’ प्रबंधन ने हिमाचल पुलिस के साइबर थाने में इसकी शिकायत की। जांच अधिकारी ने जब इन व्हाट्स एप ग्रुप के एडमिन से पूछताछ की तो सभी ने कहा कि उन्हें ई-पेपर की डिजिटल पाइरेसी के बारे में जानकारी नहीं है।
सभी एडमिन ने भविष्य में अपने व्हाट्स एप ग्रुप में ‘अमर उजाला’ का ई-पेपर प्रसारित न करने का वादा पुलिस से किया है। गौरतलब है कि इससे पहले हरियाणा पुलिस ने भी ‘अमर उजाला’ की शिकायत को संज्ञान में लेते हुए उस क्षेत्र में सक्रिय व्हाट्स एप ग्रुप के कई एडमिन से पूछताछ की थी। इसके बाद उन लोगों ने ई-पेपर की पीडीएफ को डाउनलोड का प्रसारित करना तत्काल बंद कर दिया था और पुलिस को लिखित आश्वासन दिया था कि आगे ऐसा नहीं करेंगे।
विभिन्न निर्देशों में यह पहले भी स्पष्ट किया जा चुका है कि किसी भी सोशल मीडिया ग्रुप में अखबार के ई-पेपर की पीडीएफ या अन्य माध्यम से कॉपी प्रसारित करना गैरकानूनी और अनैतिक है। यह भी स्पष्ट किया जा चुका है कि जिस भी सोशल मीडिया ग्रुप में ऐसा किया जा रहा है, उसका एडमिन इस गैरकानूनी कृत्य के लिए जिम्मेदार माना जाएगा। पाठकों से आग्रह है कि अविश्वसनीय स्रोत से मिली अखबार की पीडीएफ पर भरोसा न करें और विश्वसनीय समाचारों के लिए ‘अमर उजाला’ अखबार और इसके ई-पेपर को सब्सक्राइब करें। ‘अमर उजाला’ एप पर भी आपके अखबार का ई-पेपर उपलब्ध है।