साउथ के मेगास्टार चिरंजीवी का आज 68वां बर्थडे है। 150 से ज्यादा फिल्मों का हिस्सा रहे चिरंजीवी 1650 करोड़ के मालिक हैं। एक्टिंग के अलावा उनका राजनीतिक सफर भी सफल रहा
24 साल की उम्र में उन्होंने एक्टिंग करियर की शुरुआत की थी। कम समय में ही उन्होंने इंडस्ट्री में ऐसी जगह बना ली कि उनसे जुड़ी छोटी-छोटी बातें भी ट्रेडमार्क बन गईं। फैंस के बीच उनका क्रेज ऐसा कि टिकट के लिए मारामारी हो जाती और लोग खुद की जान जोखिम में डाल देते। चिरंजीवी को बिगर दैन बच्चन का टैग भी मिला।22 अगस्त 1955 को आंध्र प्रदेश के गोदावरी जिले में कोनिडेला शिव शंकर वरप्रसाद राव का जन्म हुआ, जिन्हें बाद में मेगास्टार चिरंजीवी नाम से पहचान मिली। उनके पिता कोनिडेला वेंकट राव पेशे से कॉन्स्टेबल थे और मां हाउस वाइफ।
चिरंजीवी का जब जन्म हुआ था तो उनकी मां की उम् महज 16 साल थी। चिरंजीवी ने एक इंटरव्यू में बताया है कि जब कभी उनके पिता मां को डांट देते थे, तो मां उन्हें सीने से लगा कर रोतीं और मन की सारी बातें उनसे शेयर करती थीं। छोटे चिरंजीवी को ज्यादा कुछ समझ नहीं आता, लेकिन बातें साझा कर मां का मन हल्का हो जाता। आज भी दोनों का बाॅन्ड इतना ही खूबसूरत है। मां के लिए चिरंजीवी ही उनके एकमात्र दोस्त हैं।
चिरंजीवी का पढ़ाई में बुरा हाल था। जब पहली क्लास का रिजल्ट आया तो टीचर ने खिंचाई करते हुए कहा कि वो एक नंबर से पास हुए हैं। चिरंजीवी को लगा कि वो फर्स्ट आए हैं। खुशी के मारे वो रिजल्ट लेकर पेरेंट्स को दिखाने घर भागे
जब पिता ने उनका रिजल्ट देखा तो उन पर बहुत गुस्सा हुए। मां ने भी फटकार लगाई। इधर चिरंजीवी परेशान कि फर्स्ट क्लास आने के बाद भी परिवार वाले उन्हें डांट क्यों रहे हैं। तब मां ने उन्हें बताया कि सब सब्जेक्ट को मिलाकर उन्हें बस एक ही नंबर मिला है और वो फेल हैं।
माना जाता रहा है कि चिरंजीवी अपने परिवार के पहले सदस्य हैं, जिन्होंने फिल्मी दुनिया में कदम रखा। हालांकि ऐसा नहीं है। चिरंजीवी के पिता भले ही पुलिस विभाग में थे, लेकिन एक्टिंग का शौक उन्हें भी था। उनका रुझान हमेशा से ही फिल्मों में था। वो कई थिएटर प्ले का हिस्सा भी रहे। बाद में लंबे संघर्ष के बाद एक दोस्त की मदद से उनका ये सपना पूरा हुआ। 60 के दशक की दो फिल्मों में उन्हें छोटे रोल निभाने का मौका मिला। उनके लिए मात्र इतनी उपलब्धि जीवन भर की खुशी देने के लिए काफी थी
पिता फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े एक्सपीरियंस को चिरंजीवी के साथ शेयर करते थे। वो बताते थे कि सेट पर काम कैसे किया जाता है, माहौल कैसा होता। फिल्म इंडस्ट्री की कहानियां चिरंजीवी को भी लुभाने लगीं और पिता के इसी शौक ने चिरंजीवी को भी प्रभावित किया।
चिरंजीवी जब बड़े हुए तो उन्होंने अपने पिता को ये बताया कि वो एक्टर बनना चाहते हैं। पिता को इंडस्ट्री का स्ट्रगल पता था। वो चिरंजीवी से पूछ बैठे कि अगर वो कामयाब नहीं हुए तो फिर क्या करेंगे
जवाब में उन्होंने कहा कि वो एक साल एक्टिंग स्कूल की तैयारी में लगाएंगे और एक साल फिल्म इंडस्ट्री में स्ट्रगल करेंगे। अगर इन 2 साल में वो सफल नहीं हुए तो किसी दूसरी फील्ड में ट्राई करेंगे, लेकिन वक्त जाया नहीं करेंगे। इस बात पर पिता ने उन्हें फिल्म इंडस्ट्री में काम करने की परमिशन दे दी।
1983 में रिलीज हुई फिल्म कैदी ने चिरंजीवी को रातों-रात एक बड़ा सुपरस्टार बना दिया। फिल्म की सफलता के बाद उनकी बात करने की शैली, बिहेवियर, यहां तक की भौहें फड़कने जैसी छोटी-छोटी बातें भी ट्रेडमार्क बन गईं। तब से चिरंजीवी को मेगास्टार चिरंजीवी का टैग मिला।
करियर की शुरुआत में चिरंजीवी ने 1980 में तेलुगु के फेमस कॉमेडियन अल्लू रामलिंगय्या की बेटी सुरेखा से शादी की थी। एक बार चिरंजीवी अपनी कार से कहीं जा रहे थे। तभी रास्ते पर मिले एक दोस्त को उन्होंने लिफ्ट दी। दोस्त अपने चाचा अल्लू रामलिंगय्या से मिलने जा रहा था। चिरंजीवी ने अल्लू रामलिंगय्या के साथ एक फिल्म में काम किया था, तो उन्हें भी दोस्त ने अपने साथ इनवाइट कर लिया
घर पहुंचने पर पता चला कि अल्लू रामलिंगय्या मौजूद नहीं हैं, लेकिन उन्होंने फोन पर नौकर से कहकर दोनों को काॅफी पिलाई। कॉफी सुरेखा ने बनाई थी। हालांकि उस दिन सुरेखा को चिरंजीवी ने देखा नहीं। बाद में सुरेखा ने चिरंजीवी के दोस्त से उनके बारे में पूछा। दोस्त ने बताया कि वो उनके पिता के साथ स्क्रीन शेयर कर चुके हैं।
कुछ समय बाद सुरेखा के परिवार वाले चिरंजीवी और उनकी शादी की बातें करने लगे। हालांकि सुरेखा के पिता चाहते थे कि उनका दामाद IAS रैंक का अधिकारी हो, लेकिन बाद में उन्होंने बेटी के लिए चिरंजीवी के बारे में पता लगाया। लंबी जांच-पड़ताल के बाद वो चिरंजीवी को दामाद बनाने के लिए राजी हो गए
जब शादी के लिए रिश्ता चिरंजीवी के पास आया तो उन्होंने ये कहते हुए मना कर दिया कि अभी उनकी शादी की उम्र नहीं है। तब उनके प्रोड्यूसर दोस्त ने उनके पिता को समझाया और कहा कि उनका बेटा दूसरी लड़कियों के साथ इनवॉल्व हो जाएगा। चिरंजीवी सुरेखा को देखना नहीं चाहते थे, लेकिन परिवार वाले जबरदस्ती उन्हें सुरेखा के घर ले गए।
सुरेखा को चिरंजीवी की आंखें बहुत पसंद आई थीं। जब चिरंजीवी की मुलाकात सुरेखा से हुई तो उन्हें बात करने का कोई आइडिया नहीं था। उन्हें पता था कि सुरेखा ने BA किया है, तो वो उनसे पढ़ाई से जुड़ा सवाल पूछ बैठे
शादी के बाद सुरेखा ने दो बेटियां सुष्मिता, श्रीजा और एक बेटे राम चरण को जन्म दिया। बेटे राम चरण भी तेलुगु फिल्म इंडस्ट्री के टाॅप मोस्ट एक्टर हैं। 2009 में आई मगधीरा फिल्म से रातों-रात स्टार बन जाने वाले राम चरण ने 2013 में फिल्म जंजीर से बॉलीवुड में डेब्यू किया था।
16 फिल्मों का हिस्सा रहे राम चरण को टॉलीवुड में गोल्डन बॉय के नाम से जाना जाता है। उनकी फिल्म आरआरआर (2022) के गाने नाटू-नाटू को ऑस्कर मिला है
एक्टिंग से करोड़ों कमाने वाले राम चरण एक प्रोडक्शन और एयरलाइन कंपनी के भी मालिक हैं। राम चरण ने 2016 में ‘Konidela’ नाम से अपनी प्रोडक्शन कंपनी बनाई।
साउथ में चिरंजीवी का डांस बहुत पसंद किया जाता है। आपको बता दें कि उन्होंने ये डांस मशहूर डांसर और एक्ट्रेस हेलन से सीखा है। जब उन्होंने पहली बार हेलन को पिया तू अब तो आजा गाने पर डांस करता देखा, तब से वो उन्हीं को देख डांस सीखने लगे। घरवाले भी इस पर उनकी हौसला अफजाई करते थे।
चिरंजीवी की तगड़ी फैन फॉलोइंग है। जब उनकी कोई भी नई फिल्म आती है, तो उसकी रिलीज के एक दिन पहले टिकट के लिए भगदड़ मच जाती है। 2003 में जब उनकी फिल्म टैगोर रिलीज हुई थी, तब फिल्म के टिकट के लिए भगदड़ मच गई थी। इस हादसे में 4 लोग की मौत हो गई थी।
मौका था जब 10 साल बाद चिरंजीवी अपनी 150वीं फिल्म से कमबैक कर रहे थे। फिल्म का नाम खिलाड़ी नंबर 150 था। इसके टिकट के लिए हर जगह मारामारी थी। फैंस लंबे अरसे से इस फिल्म का इंतजार कर रहे थे।
फिल्म को लेकर इतना क्रेज था कि फैंस दो दिन पहले से ही थिएटर के बाहर टिकट के लिए खड़े थे। शुरुआती दिनों के सभी टिकट पहले से ही बुक हो गए थे। कई लोगों को पहले दिन पहले शो के टिकट नहीं मिले। इससे दुखी होकर एक शख्स ने अपना गला काट लिया, जिससे उसकी मौत हो गई थी।
जब किसी प्रोड्यूसर की माली हालत ठीक नहीं होती है, तो चिरंजीवी की टीम उन्हें उनकी पुरानी फिल्मों के रील्स फ्री में दे देती है। फिर प्रोड्यूसर उस फिल्म को दोबारा रिलीज करते हैं, जिसकी कमाई से उनकी माली हालत में सुधार आ सके।एक वक्त ऐसा था कि चिरंजीवी का स्टारडम अमिताभ बच्चन पर भी भारी पड़ा था। जहां अमिताभ अपनी फिल्मों के लिए 1 करोड़ रुपए चार्ज करते थे, वहीं चिरंजीवी अपनी फिल्मों के लिए 1.5 करोड़ रुपए फीस लेते थे
90 के दशक में वह इंडिया की नेशनल मैगजीन्स के कवर पेज पर आने लगे थे। फिल्मफेयर और इंडिया टुडे जैसी एंटरटेनमेंट मैगजीन्स ने उन्हें बिगर दैन बच्चन का नाम दिया था। वहीं, न्यूज मैगजीन द वीक ने उन्हें द न्यू मनी मशीन का टाइटल दिया था।
एक बार चिरंजीवी की तारीफ में अमिताभ बच्चन ने कहा था, तेलुगु इंडस्ट्री देश की बाकी इंडस्ट्री की तुलना में अधिक बड़ी है। अगर चिरंजीवी तेलुगु इंडस्ट्री पर राज कर रहे हैं, तो वह देश में सिनेमा के राजा हैं।
फिल्मों के अलावा चिरंजीवी ने राजनीति में भी हाथ आजमाया था। उन्होंने 2008 में आंध्रप्रदेश में एक राजनीतिक दल प्रजा राज्यम पार्टी की शुरुआत की थी। पार्टी लॉन्च के समय उन्होंने कहा कि सामाजिक न्याय उनकी पार्टी का मुख्य एजेंडा है। 2009 के आम चुनाव में पार्टी ने आंध्रप्रदेश विधानसभा की 294 सीटों में से 18 सीटों पर जीत हासिल की थी।
6 फरवरी 2011 को चिरंजीवी की प्रजा राज्यम पार्टी का भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में विलय हो गया। इस विलय के बाद 28 अक्टूबर 2012 को उन्होंने राज्यसभा सदस्य के रूप में शपथ ली। उन्हें टूरिज्म मिनिस्टर बनाया गया।
2014 को आंध्रप्रदेश के संसदीय और विधानसभा चुनावों में उन्होंने पार्टी की तरफ से प्रचार किया था। हालांकि चुनाव लड़ने से मना कर दिया था। इस चुनाव में उनकी पार्टी के सभी उम्मीदवारों को हार मिली थी। इस चुनाव के बाद चिरंजीवी ने किसी संसदीय बैठक में भाग नहीं लिया। राज्यसभा सदस्य के रूप में उनका कार्यकाल अप्रैल 2018 में समाप्त हो गया। तब से वो राजनीति में सक्रिय नहीं हैं।जब चिरंजीवी राजनीति में शामिल हुए थे, तब एक खबर सामने आई थी कि एक लड़के ने अपनी शादी की डेट टाल दी थी। दरअसल, 33 साल के सी. श्रीकांत कुमार ने 2008 के राजनीतिक उतार-चढ़ाव की वजह से अपनी शादी टाल दी थी। फैन का कहना था कि वो तब तक शादी नहीं करेगा जब तक चिरंजीवी आंध्रप्रदेश के चीफ मिनिस्टर नहीं बन जाएंगे।
2022 में चिरंजीवी की दो हिट फिल्में आचार्य और गाॅडफादर रिलीज हुई थीं। इस साल 11 अगस्त को उनकी फिल्म भोला शंकर रिलीज हुई है, जिसका बाॅक्स ऑफिस परफाॅर्मेंस खास अच्छा नहीं रहा।