चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने तिब्बत का औचक दौरा किया है। उनका ये दौरा इंटरनेशनल केंपेन फॉर तिब्बत के तहत किया गया है। गुरुवार को सोशल मीडिया पर जारी इससे संबंधित एक वीडियो क्लिप में शी चिनफिंग निंगत्री (लिंझी) शहर में भाषण देते दिखाई दे रहे हैं। इसमें वो ल्हासा के बरखोर इलाके में एक दुकान से बाहर निकलते हुए पोटाला पैलेस के सामने बने मॉन्यूमेंट ऑफ द पीसफुल लिब्रेशन (आईसीटी) पर टिप्पणी करते हुए देखे जा सकते हैं। आपको बता दें कि पोटाला पैलेस दलाई लामा का परंपरागत शीतकालीन निवास है।
22 जुलाई को पोटाला को बंद करने की घोषणा करने वाले एक हालिया आधिकारिक नोटिस में एक उच्च-स्तरीय गणमान्य व्यक्ति के दौरे का संकेत दिया था, लेकिन शी के दौरे ने कई पर्यवेक्षकों को चौका दिया है। सूत्रों के मुताबिक उनका ये दौरा ऐसे समय में हुआ है जब चीन के 17 प्वाइंट समझौते की 70वीं वर्षगांठ है। सूत्रों ने आईसीटी से बताया है कि राष्ट्रपति शी 20 जुलाई को निंगत्री के मेनलिंग एयरपोर्ट पर उतरे हैं जो दक्षिण पूर्वी तिब्बत में स्थित है। उन्होंने यहां पर एक सभा को संबोधित किया था।
इससे पहले वो यहां पर करीब 10 वर्ष पहले 17 प्वाइंट एग्रीमेंट समझौते की 60वीं वर्षगांठ के दौरान आए थे। उस वक्त वो पहले ल्हासा गए थे, लेकिन इस बार वो पहले निंगत्री के लोगों से मिले। उन्होंने कहा कि मॉर्डन सोशलिस्ट चाइना को बनाने में कोई भी जातीय समूह नहीं होगा। राष्ट्रपति शी ने पोटाला पैलेस के सामने ल्हासा में एक सभा को संबोधित किया। हम जिस तरह से कम्यूनिस्ट पार्टी को फॉलो करते हैं और चीन के साथ साथ चल रहे हैं, हमें चीन का कायाकल्प पूरी योजना के साथ करना है। सूत्रों के मुताबिक शी ने ल्हासा की मोंटेसरी का भी दौरा किया है।
तीन अलग अलग सूझों ने आईसीटी को बताया बीते कुछ दिनों यहां की रोजाना की दिनचर्या में काफी कुछ अलग दिखाई दे रहा था। ये इस बात का संकेत दे रहा था कि यहां कोई खास व्यक्ति आने वाला है। इतना ही नहीं शी के दौरे से कुछ दिन पहले लोगों को सिक्योरिटी में इजाफा दिखाई दे रहा था और लोगों को बेवजह रोककर उनसे पूछताछ की जा रही थी। ल्हासा की कुछ सड़कों पर वाहनों की आवाजाही को पूरी तरह से रोक दिया गया था। ल्हासा प्रशासन ने किसी भी तरह के ड्रोन और पतंग उड़ाने पर प्रतिबंध लगा दिया था। ये प्रतिबंध 21 जुलाई से 17 अगस्त तक के लिए लगाया गया है।
हालांकि चीन की मीडिया ने शी के किसी तरह के दौरे की संभावनाओं को लेकर किसी तरह की खबर पब्लिश नहीं की थी। ये इसलिए अजीब था कि ल्हासा में सिक्योरिटी इस दौरान काफी सख्त थी। निंगत्री और ल्हासा सुरक्षा काफी कड़ी थी। आपको बता दें कि चीन के उपराष्ट्रपति रहते हुए शी तिब्बत के काफी हिस्से में घूम चुके हैं।