पाकिस्तान में पूर्व PM नवाज शरीफ की बेटी और पंजाब प्रांत की मुख्यमंत्री मरियम नवाज ने कहा है कि देश में रह रहे चीनी नागरिक सुरक्षा नियमों का पालन नहीं करते हैं। लाहौर में एक हाई-लेवल कमेटी की बैठक में मरियम ने कहा, “चीन के नागरिकों से जब सुरक्षा प्रोटोकॉल को मानने के लिए कहा जाता है तो वे भड़क जाते हैं। वे किसी भी तरह के अनुशासन का पालन करने में चिढ़चिढ़ाते हैं।”
दरअसल, 25 मार्च को पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में चीन के इंजीनियरों पर हमला हुआ था। इस आत्मघाती हमले में 5 चीनी नागरिकों की मौत हो गई थी। जियो न्यूज के मुताबिक हमले के वक्त गाड़ी बिशम शहर से गुजर रही थी। पंजाब की CM मरियम नवाज ने इसी सिलसिले में बैठक की।
इसमें लाहौर के कॉर्प्स कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल आमेर रजा और फौज के कई अधिकारी शामिल हुए। बैठक के दौरान मरियम ने आश्वासन दिलाया कि उनकी सरकार हर हाल में चीनी कामगारों की मदद करेगी। साथ ही खैबर में हुए हमले की निंदा भी की।
मरियम ने कहा, “आज आतंकी भी डिजिटलाइज्ड हो गए हैं। ऐसे में हमें उनसे आगे निकलने की जरूरत है। आतंकियों के पास नए जमाने की तकनीक और हथियार हैं। उनके पास अमेरिका के वो हथियार हैं जिन्हें वे अफगानिस्तान में छोड़ गए थे। अफगानिस्तान से आतंकियों तक पहुंच रहे ये हथियार हमारी पुलिस फोर्स और एजेंसियों के लिए बड़ी चुनौती हैं। “
पंजाब की मुख्यमंत्री ने कहा, “आतंकी अब युवाओं को भी चालाकी से अपने संगठनों में भर्ती कर रहे हैं। इसके लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया जा रहा है।” दूसरी तरफ, शुक्रवार को सामने आए एक स्टेटमेंट के मुताबिक, अब PM शहबाज शरीफ खुद चीनी नागरिकों की सुरक्षा से जुड़ी बैठकों को रिव्यू करेंगे।
पाकिस्तान में कई बार चीनी नागरिकों को टारगेट करके आतंकी हमले होते रहे हैं। 26 मार्च को हुए अटैक में विस्फोटकों से भरे आतंकियों के वाहन ने इंजीनियरों की गाड़ी में टक्कर मार दी थी।
आतंकी हमले के घंटे भर बाद ही पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ इस्लामाबाद पहुंच गए थे और चीन के राजदूत से मुलाकात कर सफाई दी थी। शरीफ ने राजदूत को आश्वासन दिलाया था कि पाकिस्तान आतंकवाद के अंत तक इसके खिलाफ लड़ाई जारी रखेगा।
जापान के अखबार ‘निक्केई एशिया’ ने पाकिस्तान में मौजूद चीनी नागरिकों और उनके कारोबार पर खतरे को लेकर एक स्पेशल इन्वेस्टिगेशन किया था। इसकी रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान के तमाम आतंकी संगठन चीनी नागरिकों और उनके कारोबार या कंपनियों को ही निशाना बनाने की साजिश रच रहे हैं। इसकी वजह यह है कि बीते 5 साल में यहां उनकी ताकत और रसूख बहुत तेजी से बढ़ा है।
कई जगहों पर तो वो स्थानीय लोगों से भी ज्यादा ताकतवर हैं। आतंकी संगठनों को लगता है कि चीनी नागरिकों की वजह से उनकी कम्युनिटी या इलाकों को नुकसान हो रहा है और वो उनके कारोबार छीन रहे हैं। शुरुआती तौर पर कराची और लाहौर जैसे इलाकों में चीनी नागरिकों के कारोबार और ऑफिसों पर हमले हुए। इसके बाद उनकी कंपनियों को टारगेट किया गया।
2014 में पाकिस्तान सरकार ने चीन के नागरिकों की सिक्योरिटी के लिए स्पेशल प्रोटेक्शन यूनिट बनाई थी। इसमें 4 हजार से ज्यादा सिक्योरिटी ऑफिशियल्स शामिल हैं।
ज्यादातर सिक्योरिटी अफसर फौज से ताल्लुक रखते हैं। ये यूनिट 7567 चीनी नागरिकों को स्पेशल सिक्योरिटी मुहैया कराती है। इनमें ज्यादातर वो अफसर और वर्कर हैं जो CPEC से जुड़े प्रोजेक्ट्स पर काम कर रहे हैं।