जासूसी सैटेलाइट्स को स्पेस में पहुंचाने वाला एक चीनी रॉकेट शनिवार को नेपाल के एयरस्पेस में फट गया। ऐसी ही घटना पिछले हफ्ते USA के टेक्सास राज्य में भी हुई थी।
अंतरिक्ष विशेषज्ञ जोनाथन मैकडोवेल के मुताबिक इस रॉकेट का नाम चांग झेंग 2डी लॉन्ग मार्च था। इसे पिछले साल 29 जुलाई को सेंट्रल चाइना के शिचांग सैटेलाइट लॉन्च सेंटर से छोड़ा गया था। ये अपने साथ तीन मिलिट्री सर्विलांस सैटेलाइट लेकर गया था। ये सैटेलाइट फिलहाल स्पेस में एक्टिव हैं। ऐसी सैटेलाइट दूसरे देशों की सेना की निगरानी करने के काम में आती हैं।
ये रॉकेट 200 दिनों तक स्पेस में रहा था। इसके बाद ये शनिवार को वायुमंडल में वापस लौटा और नेपाल के एयरस्पेस में फट गया। इसके फटने से स्पेस में 4 टन कचरा पैदा हुआ। ये रॉकेट चीन के नेशनल स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन Y-65 मिशन का हिस्सा था।
चीन को पता था कि ये रॉकेट वायुमंडल में वापस आएगा और कहीं भी फट जाएगा। उनके मुताबिक, चीन का ये प्लान बहुत ही घटिया था।
चीन के इसी सेंटर से लॉन्च किया गया एक रॉकेट 8 मार्च को अमेरिका के टेक्सास के एयरस्पेस में फट गया था। इस रॉकेट ने साउथ चाइना सी की निगरानी के लिए तीन सैटेलाइट्स को स्पेस में छोड़ा था।
अमेरिका ने अरुणाचल प्रदेश और चीन के बीच मैकमोहन लाइन को अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर के तौर पर मान्यता दे दी है। अमेरिकी सीनेट में पास हुए एक प्रस्ताव में अरुणाचल प्रदेश को भारत का अभिन्न हिस्सा बताया गया है।