अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका में चीन के और राजनयिक मिशनों को बंद करने की संभावना से इनकार नहीं किया। उनका यह बयान तब आया है जब कुछ घंटे पहले वॉशिंगटन ने ”अमेरिका की बौद्धिक संपदा और निजी सूचना की रक्षा करने के लिए ह्यूस्टन में बीजिंग के वाणिज्य दूतावास को बंद करने का आदेश दिया।”
ट्रंप प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार चीन की आक्रामक गतिविधियों को लेकर दोनों देशों के बीच बढ़ते विवाद के मद्देनजर यह कदम उठाया गया है। बीजिंग की आक्रामक गतिविधियों के कारण वाशिंगटन को कड़े कदम उठाने पड़े जिनमें ह्यूस्टन में वाणिज्य दूतावास को बंद करना शामिल हैं। अमेरिका में चीन के पांच वाणिज्य दूतावासों में से एक को बंद करने से तनाव बढ़ गया है।
अमेरिका ने यह कदम तब उठाया है जब न्याय विभाग ने कहा कि चीन की सरकार के साथ काम कर रहे हैकरों ने कोरोना वायरस के टीकों का विकास कर रही कंपनियों को निशाना बनाया और करोड़ों डॉलर की बौद्धिक संपदा और दुनियाभर में कंपनियों की व्यापार संबंधी खुफिया जानकारियां चुराई।
ट्रंप ने व्हाइट हाउस में एक नियमित संवाददाता सम्मेलन में कहा, ”जहां तक और दूतावासों को बंद करने का सवाल है तो यह हमेशा संभव है।” उन्होंने ह्यूस्टन में चीन के वाणिज्य दूतावास में आग लगने की खबरों का जिक्र किया। उन्होंने कहा, ”आपने देखा क्या चल रहा है। हमें लगा कि हमने जिसे बंद किया था वहां आग लगी है और हर किसी ने कहा कि आग लगी है, आग लगी। मुझे लगता है कि वे दस्तावेज जला रहे थे।