चीन ने शुक्रवार को इंकार किया कि उसने ऑस्ट्रेलिया से कोयला लादकर आए भारतीय मालवाहक जहाज को बंदरगाह पर रोक रखा है। जहाज को वापस जाने की अनुमति देने में देरी के कारण भारत के 23 लोग वहां फंसे हुए हैं। ऑस्ट्रेलिया से कोयला की खेप को चीन लेकर आया जहाज ‘जग आनंद’ जून से ही जिंगतांग बंदरगाह पर फंसा हुआ है। आगमन के बाद जहाज के कतार में ही फंसे होने के कारण चालक दल के सदस्यों को मदद की गुहार लगानी पड़ी।
आईटीएफ-एशिया प्रशांत क्षेत्र के एक बयान के मुताबिक, नेशनल यूनियन ऑफ सीफेरर्स ऑफ इंडिया, इंटरनेशनल ट्रांसपोर्ट वर्कर्स फेडरेशन (आईटीएफ) और इंटरनेशनल मेरीटाइम आर्गेनाइजेशन ने नाविकों के लिए आवाज उठाई। जहाज और उसमें फंसे हुए चालक दल के सदस्यों के बारे में पूछे जाने पर चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने शुक्रवार को संवाददाता सम्मेलन में बताया, ”जहां तक मुझे पता है यह भारतीय जहाज जून से ही जिंगतांग बंदरगाह में हैं। चीन ने उसे जाने से कभी नहीं रोका। इस स्थिति का मूल कारण यह है कि वाणिज्यिक हितों के कारण मालवाहक जहाज अपनी आगे की योजना को व्यवस्थित नहीं कर पाया है। ”
उन्होंने कहा, ”स्थानीय चीनी अधिकारी भारतीय पक्ष से करीबी संपर्क में हैं और समय से उनके अनुरोधों का जवाब भी दिया है।” साथ ही उन्होंने कहा कि अधिकारियों ने आपात चिकित्सा की जरूरत की स्थिति में राहत सहायता की भी पेशकश की है। इससे पहले, भारतीय दूतावास के अधिकारियों ने कहा था कि भारतीय चालक दल के सदस्यों की गुहार को हेबई प्रांत की प्रांतीय सरकार के समक्ष उठाया गया। यह बंदरगाह इसी प्रांत में है। उन्होंने कहा कि हेबई प्रांत की सरकार ने अपने जवाब में कहा कि जहाज माल ढुलाई के लिए कतार में है और कोविड-19 महामारी के संबंध में कड़े नियमों के कारण चालक दलों के बदलने की अनुमति नहीं होगी।
ऑस्ट्रेलिया द्वारा राष्ट्रीय सुरक्षा चिंताओं के कारण अपने 5जी नेटवर्क से चीनी कंपनी हुआवे टेक्नोलॉजी पर रोक लगाने के बाद पिछले कुछ महीनों में ऑस्ट्रेलिया और चीन के संबंध काफी बिगड़ चुके हैं। कोरोना वायरस की शुरूआत कहां से हुई, इस संबंध में अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों द्वारा पता लगाने की मुहिम का ऑस्ट्रेलिया ने समर्थन किया था, जिस पर चीन ने कड़ा ऐतराज जताया था। इसके अलावा भी कई अन्य मुद्दों पर चीन ऑस्ट्रेलिया से खफा है।