कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने चीन-भारत सीमा तनाव विवाद को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तंज कसते हुए शनिवार को आरोप लगाया कि वह अपने पड़ोसी देश से डरे हुए हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री पर सिर्फ दो लोगों के लिए उपयोगी होने का आक्षेप लगाया। राज्य में आगामी 6 अप्रैल को होने जा रहे विधानसभा चुनाव के मद्देनजर राज्य में अपने तीन दिवसीय चुनाव प्रचार को शुरू करते हुए राहुल ने कई मुद्दों पर प्रधानमंत्री और संघ निशाना साधा।
वकीलों से संवाद करते हुए उन्होंने खिल्ली उड़ाते हुए कहा कि केंद्र की शासन व्यवस्था ‘हम दो, हमारे दो’ के सिद्धांत पर चल रही है। उन्होंने कहा कि पूर्वी लद्दाख में गतिरोध से पहले चीन ने डोकलाम में इस विचार को आजमाया (2017 में) था। पूर्वी लद्दाख में सैनिकों, हथियारों एव अन्य सैन्य साजो-सामान की पैंगोंग झील के उत्तरी एवं दक्षिणी किनारे से वापसी के साथ पीछे हटने की प्रक्रिया पूरी हो गई है।
उन्होंने कहा, निश्चित रूप से चीन ने हमारे देश के कुछ सामरिक इलाकों पर कब्जा किया है। इस विचार को पहले उन्होंने डोकलाम में आजमाया। वे देखना चाहते थे कि भारत क्या प्रतिक्रिया देता है। उन्होंने जब देखा कि भारत ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी तो उन्होंने इस विचार को लद्दाख में आजमाया। मेरा मानना है कि उन्होंने अरुणाचल में भी ऐसा किया होगा।
सीमा पर गतिरोध के बारे में विस्तार से चर्चा करते हुए राहुल ने कहा कि चीन की घुसपैठ पर पीएम की पहली प्रतिक्रिया थी कि भारत में कोई नहीं घुसा। राहुल ने कहा कि मेरी बात को नोट कर लीजिए, देपसांग जो हमारी बहुत महत्वपूर्ण हमारी जमीन इस सरकार के कार्यकाल में वापस नहीं मिलने वाली। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री जमीन वापस नहीं ले पाएंगे। वह बहाना करेंगे कि हर चीज का समाधान हो गया है लेकिन भारत उस क्षेत्र को खोने जा रहा है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस की सरकार चीन से बेझिझक निपटती थी। 2013 में जब चीन भारत में घुसा तो हमने कार्रवाई की जिससे वे समझौता करने के लिए बाध्य हुए। उन्होंने राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ पर टिप्पणी करते हुए कहा कि यह देश में लोकतंत्र खत्म करने पर तुला हुआ है। उन्होंने आरोप लगया कि पूंजीपतियों से मिलीभगत कर यह संस्था देश का संतुलन बिगाड़ रही है।
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आदर्श कुमार
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