शिक्षकों ने राम मनोहर लोहिया लॉ यूनिवर्सिटी में अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन किया

राम मनोहर लोहिया लॉ यूनिवर्सिटी में गुरुवार को शिक्षकों ने प्रदर्शन किया। उन्होंने शिक्षकों की लंबित समस्याओं को दूर की मांग की। उनका कहना है कि जब तक उनकी मांगों को पूरा नहीं किया जाता है। वे शैक्षणिक कार्यों में शामिल नहीं होंगे। उन्होंने परीक्षा का बहिष्कार कर दिया है। जो आगे भी जारी रहेगा।
शिक्षकों का कहना है कि विश्वविद्यालय प्रशासन 2013 में सृजित पदों पर शिक्षकों को रेगुलर नहीं कर रहा है। इसका फायदा उठाकर सहायक कुल सचिव की ओर से बिना कुलपति से अनुमोदन उनका वेतन रोका जा रहा है। इसके अलावा शिक्षकों का वर्षों से प्रमोशन रोक कर रखा हुआ है।
विधि विश्वविद्यालय की प्रवक्ता डॉ. अलका सिंह ने बताया कि ‘आंदोलन में शामिल हुए शिक्षकों ने सभी कार्यों का पूरी तरह से बहिष्कार कर दिया है। गुरुवार को सुबह 10 से 2 बजे तक सांकेतिक धरना दिया गया। जब तक शिक्षकों की मांगें पूरी नहीं होंगी तब तक लगातार हर दिन धरना प्रदर्शन होगा। इसके अलावा शिक्षकों ने निर्णय लिया है कि 10 अप्रैल से शुरू होने वाले अंडर ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट सेमेस्टर की आंतरिक परीक्षा का पूरी तरह से बहिष्कार करेंगे। 14 अप्रैल से शुरू हो रही सेमेस्टर परीक्षा में भी विश्वविद्यालय का सहयोग नहीं करेंगे।

उनका कहना है कि इस साल जनवरी में शिक्षकों के लिए सलेक्शन कमेटी का आयोजन किया गया था। जिस पर अनुमोदन करने के लिए परिषद की बैठक आयोजित होनी थी, लेकिन विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर भटनागर के ढुलमुल रवैया के कारण 4 महीने बीतने के बाद भी अभी तक कार्यपरिषद की बैठक नहीं बुलाई गई हैं।
कार्य परिषद बैठक को जल्द से जल्द बुलाकर पदों का स्थाईकरण कराया जाए। इस विद्यालय के रवैया के कारण लगातार शिक्षकों का मनोबल गिरता जा रहा है। आए दिन शिक्षकों को मानसिक प्रताडऩा देकर और नजरंदाज करके यूनिवर्सिटी उनकी भावनाओं से खिलवाड़ कर रहा है।
प्रदर्शन में शामिल शिक्षक आदित्य प्रताप सिंह ने बताया कि कुलपति और रजिस्ट्रार दोनों को अल्टीमेटम दिया गया हैं। करीब 10 साल का समय बीत चुका हैं। अब तक कोई निर्णय नही लिया गया। अब यह रवैया बर्दाश्त नही होगा। जब तक ठोस कदम नही उठाए गए तब तक यूनिवर्सिटी में पढ़ाई और एग्जाम दोनों पर ही हमारी तरफ से असहयोग रहेगा।
कुलपति प्रो. सुबीर कुमार भटनागर ने कहा कि कुलसचिव और वित्त अधिकारी के साथ इस पूरे मामले पर बात हो चुकी हैं। शिक्षकों के रुके हुए वेतन का भुगतान एक दो दिन में जारी हो जाएगा। इसके अलावा शिक्षकों के स्थायीकरण का प्रकरण शासन को भेजा गया हैं। जल्द ही निर्णय मिल जाएगा। कुल सचिव को 15 दिन में कार्य परिषद बुलाने को निर्देश दिए गए हैं।