अमेरिका में बच्चों में कोविड-19 के बढ़ते मामलों ने सरकार की चिंता बढ़ा दी है। यहां पर लगातार मामले बढ़ रहे हैं। चिंता की बात ये भी है कि अमेरिका में हर रोज आने वाले नए मामलों में करीब 15 फीसद मामले बच्चों के अंदर पाए जा रहे हैं। इसका खुलासा अमेरिकन अकादमी आफ पीडियाट्रिक्स (AAP) की रिसर्च में हुआ है। हालांकि इस दौरान कोविड-19 की वजह से बच्चों की मौतों के मामले बेहद कम ही सामने आए हैं। आंकड़ों के मुताबिक करीब दो फीसद से भी कम बच्चे कोविड-19 की वजह से अस्पताल में भर्ती हुए। यहां पर पिछले एक सप्ताह के दोरान 94 हजार बच्चों का इलाज किया गया है। ये आंकड़े अपने आप में बेहद चौंकाने वाले हैं।
AAP के उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक देश में कोरोना की वजह से करीब .03 तक रही है। महामारी की शुरुआत से पांच अगस्त 2021 तक देश में करीब 43 लाख बच्चे कोविड-19 से पाजीटिव पाए गए। आप की रिपोर्ट में कहा गया है कि जुलाई के बाद से बच्चों में इसके मामले तेजी से बढ़े हैं। मौजूदा समय में 12 वर्ष के करीब 60 फीसद बच्चों को पूरी तरह से वैक्सीनेट कर दिया गया है वहीं करीब 70 फीसद बच्चों को कम से कम वैक्सीन की एक खुराक दे दी गई है।
हालांकि देश में फिलहाल 12 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को कोरोना वैक्सीन नहीं दी जा रही है। आपको बता दें कि अमेरिका में फाइजर कंपनी की कोरोना वैक्सीन को 12 वर्ष और इससे अधिक की उम्र वाले लोगों पर इस्तेमाल की मंजूरी दी जा चुकी है। इसके माडर्ना और जेनसेन वैक्सीन को 18 वर्ष और इससे अधिक के लिए मंजूरी दी जा चुकी है।
माना जा रहा है कि अमेरिका में 12 वर्ष से कम उम्र के बच्चों पर इस्तेमाल के लिए फाइजर की कोरोना वैक्सीन को इस वर्ष अक्टूबर तक मंजूरी मिल सकती है। आपको बता दें कि अमेरिका में स्कूलों को खोला जा चुका है। इसको देखते हुए बच्चों के बढ़ते मामले चिंता का सबब बने हुए हैं। सेंटर फार डिजीज कंट्रोल के ताजा आंकड़े बताते हैं कि 5-15 वर्ष की आयु वाले बच्चे इसकी चपेट में अधिक आ रहे हैं।
नेशनल इंस्टिट्यूट आफ हेल्थ के डायरेक्टर डाक्टर फ्रांसिस कालिंस का कहना है कि कोरोना महामारी के बाद से अब तक रविवार को देश में सबसे अधिक बच्चे कोरेाना के चलते अस्पताल में भर्ती हुए हैं। उनका कहना है कि लोगों के लापरवाह होने और मास्क का साथ छोड़ देने की वजह से यहां पर तेजी से मामले बढ़े हैं। इस लिहाज से स्कूल को लौट रहे बच्चों में इंफेक्शन का खतरा भी बढ़ गया है।
इसको देखते हुए सीडीसी ने सरकार को अनुसंशा (CDC recommends) की है कि इंडोर में मौजूद दो वर्ष से अधिक आयु वाले सभी बच्चों को मास्क लगाने को कहा है। सीडीसी के मुताबिक स्कूल के स्टाफ, टीचर और वहां पर आने वाले विजीटर्स को भी अनिवार्य रूप से मास्क लगाने को कहा गया है, भले वो वैक्सीनेट हो चुके हों या नहीं। कई राज्यों ने अपने यहां पर मौजूद आईसीयू के पूरी तरह से भरे होने की जानकारी भी दी है। बढ़ते मामलों पर राष्ट्रपति जो बाइडन ने भी चिंता जताई है। उन्होंने कहा है कि वो बच्चों में बढ़ते कोरोना के मामलों को लेकर चिंता में हैं। उनका ये भी कहना है कि कुछ राज्यों में वैक्सीन की धीमी रफ्तार परेशानी का सबब बनी हुई है।
इसका प्रभाव बच्चों पर भी पड़ रहा है। उन्होंने अपील की है कि जिन्होंने अब तक वैक्सीन नहीं ली है वो जल्द से जल्द अपनी वैक्सीन लगवा लें। उनके मुताबिक 18 अक देश की करीब 51 फीसद आबादी को वैक्सीनेट कर दिया गया है। करीब 71 फीसद से अधिक व्यस्कों को कम से कम वैक्सीन की एक खुराक दी जा चुकी है।