छत्तीसगढ़ समेत कई राज्यों ने 18 से 44 वर्ष तक के नागरिकों को कोरोना से लड़ने के लिए निशुल्क टीका (वैक्सीन) उपलब्ध कराने का फैसला किया है। इसके लिए राज्य सरकारें अपने बजट से वैक्सीन खरीद रही हैं, लेकिन गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) की वजह से राज्य सरकारों को यह महंगी पड़ रही है।
केंद्र सरकार इस पर पांच फीसद जीएसटी वसूल रही है। इस वजह से राज्य सरकार को प्रत्येक डोज पर 15 से 20 रुपये केंद्र सरकार को देने पड़ रहे हैं। इससे राज्यों पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ पड़ रहा है। यही वजह है कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल न केवल टीका बल्कि कोरोना के इलाज में उपयोग होने वाली दवा और उपकरणों को टैक्स फ्री करने की लगातार मांग कर रहे हैं। इस संबंध में उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र भी लिखा है।छत्तीसगढ़ में 18 से 44 आयु वर्ग के करीब एक करोड़ 35 लाख लोग हैं, जिनके निशुल्क टीकाकरण (वैक्सीनेशन) की घोषणा राज्य सरकार ने की है। प्रदेश सरकार अब तक करीब साढ़े चार लाख डोज के लिए दोनों कंपनियों भारत बायोटेक और सीरम इंस्टीट्यूट को भुगतान कर चुकी है।