छत्तीगढ़: जिले के कोयलांचल कुसमुंडा व मानिकपुर परियोजनाओं में ओवरबर्डन के काम मे नियोजित नारायणी कंपनी को बड़ा झटका लगा है. एक ही दिन में कंपनी को दो बड़ी कार्रवाई का सामना करना पड़ा है. पहले जहां रेलवे ने कंपनी के दो ट्रको को जब्त कर लिया था तो वही इस एक्शन के बाद जिला प्रशासन ने कंपनी के दफ्तर पर ताला जड़ते हुए सील कर दिया.
कंपनी पर शासन द्वारा कोरोना महामारी से बचाव हेतु निर्धारित कोविड-19 प्रोटोकॉल के खुले उल्लंघन का आरोप है. कंपनी पर आरोप हैं कि काम के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर्मचारी नही कर रहे थे. इससे न सिर्फ कोरोना संक्रमण का खतरा बरकरार था बल्कि बड़े पैमाने पर कर्मचारियों में बीमारी के फैलाव की आशंका थी. इसके अलावा कम्पनी ने प्रवासी मजदूरों के सम्बंध में भी प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग को जानकारी देंने में कोताही बरती है. विभाग ने पूर्व में इस बाबत कंपनी को पत्राचार कर मजदूरों की ट्रेवल हिस्ट्री सौपने के निर्देश दिए थे लेकिन नारायणी कम्पनी लगातार इन निर्देशों का मखौल उड़ा रही थी.
स्थानीय संवाददात उत्सव यादव के मुताबिक सीलिंग की यह पूरी तैयारी कल शाम में कटघोरा एसडीएम की अगुवाई में की गई है. कम्पनी में नियोजित मजदूर अब लौटने भी लगे है. वैसे यह पहला वाकया नही है जब ओवरबर्डन कंपनी नारायणी पर लापरवाही के आरोप लगे हो. पूर्व की शिकायतों को भी संज्ञान में लेकर एसडीएम ने कम्पनी के दफ्तर को सील किया है. हमने इस मामले में अधिक जानकारी के लिए एसडीएम कटघोरा से सम्पर्क का प्रयास किया लेकिन नही हो सका.
(ज़िला संवाददाता उत्सव यादव कोरबा छत्तीसगढ़)