चेन्नई ने पलट दिया अचानक से गेम, जीते हुए मैच में मिडिल ऑर्डर ने छोडा नाइट राइडर्स को मझधार में

 इंडियन प्रीमियर लीग 2021 का फाइनल काफी रोमांचक हुआ। इसमें चेन्नई सुपर किंग्स ने कोलकाता नाइट राइडर्स को हराकर चौथी बार खिताब जीता है। जबकि केकेआर पहली बार फाइनल में हारी है। इससे पहले कोलकाता टीम दो बार (2012, 2014) में खिताब जीत चुकी है। टॉस हारकर पहले बल्लेबाजी करते हुए महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी वाली चेन्नई टीम 193 रन का टारगेट दिया था। इसके जवाब में केकेआर टीम 9 विकेट गंवाकर 165 रन ही बना सकी। टीम के लिए शुभमन गिल ने 43 बॉल पर 51 और वेंकटेश अय्यर ने 32 बॉल पर 50 रन की पारी खेली। मैच में एक समय केकेआर टीम का स्कोर बिना विकेट गंवाए 91 रन था, लेकिन यहीं से पूरी बाजी पलट गई। जानिए फाइनल में केकेआर की हार के 5 बड़े कारण

कार्तिक द्वारा डुप्लेसिस को जीवनदान देना
मैच में पहले बल्लेबाजी सीएसके ने की थी। चेन्नई टीम के लिए ओपनर फाफ डु प्लेसिस ने 59 बॉल पर 86 रन की पारी खेली। एक समय पारी के शुरुआत में ही डु प्लेसिस जब 2 रन पर थे, तब उन्हें केकेआर के विकेटकीपर दिनेश कार्तिक से जीवनदान मिला था। बात चेन्नई की पारी के तीसरे ओवर की है। स्पिनर शाकिब अल हसन की पहली ही बॉल पर डु प्लेसिस को स्टपिंग आउट करने का मौका था, लेकिन कार्तिक इसका फायदा उठाने से चूक गए।

शुभमन गिल की स्लो बैटिंग
केकेआर टीम के ओपनर शुभमन गिल की धीमी बल्लेबाजी भी टीम पर भारी पड़ गई। शुभमन ने 43 बॉल पर 51 रन बनाए। उनका स्ट्राइक रेट 118.60 का रहा। एक तरफ वेंकटेश अय्यर ताबड़तोड़ पारी खेल रहे थे, तो दूसरी और गिल की धीमी पारी दबाव बड़ा रही थी। ऐसे में वेंकटेश 32 बॉल पर 50 रन बनाकर अपना विकेट गंवा बैठे।

ओएन मोर्गन का लगातार खराब फॉर्म
IPL 2021 Final CSK vs KKR: ओएन मोर्गन का फॉर्म इस सीजन में बेहद ही खराब रहा। पिछले 10 मैच में मोर्गन ने सिर्फ 41 ही रन बनाए हैं। इस दौरान वे सिर्फ एक बार दहाई का आंकड़ा छू सके और 13 रन बनाए थे। इन 10 मैचों में मोर्गन 2 बार खाता भी नहीं खोल सके। इस पूरे सीजन में मोर्गन ने 17 मैच खेले, जिसमें 11.08 की बेहद खराब औसत से सिर्फ 133 रन ही बनाए।

वरुण चक्रवर्ती का फेल होना
केकेआर के लिए अब तक तुरुप का इक्का उनके लेग स्पिनर वरुण चक्रवर्ती ही थे। उनका इस मैच में फेल होना केकेआर के लिए सबसे बड़ी मुश्किल साबित हुआ। वरुण ने 4 ओवर में 38 रन दिए और कोई सफलता नहीं मिली। करीब 10 के इकोनॉमी रेट से रन लुटाए। वरुण ने पूरे सीजन में 17 मैच खेले और 18 विकेट झटके। इस दौरान उनका इकोनॉमी रेट 6.58 का रहा।

राहुल त्रिपाठी का चोटिल होना
कोलकाता नाइट राइडर्स को क्वालिफायर-2 में दिल्ली कैपिटल्स के खिलाफ मैच जिताने वाले राहुल त्रिपाठी फाइनल में चोटिल हो गए थे। हालांकि, फाइनल में फील्डिंग के दौरान उनके पैर में चोट लग गई थी। इसके कारण बल्लेबाजी के दौरान कप्तान ओएन मोर्गन को पूरा बैटिंग ऑर्डर चेंज करना पड़ा। इस कारण भी मिडिल ऑर्डर सेट नहीं हो पाया। आखिरकार 8वें नंबर पर जब राहुल बल्लेबाजी के लिए आए तो उन्होंने 3 बॉल में सिर्फ 2 रन बनाए और कैच आउट हो गए।