IPL के 16वां सीजन में गुजरात टाइटंस को हराकर चेन्नई सुपर किंग्स ने 5वां खिताब जीता

इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) का 16वां सीजन खत्म हो चुका है। चेन्नई सुपर किंग्स ने रोमांचक फाइनल में गुजरात टाइटंस को हराकर 5वां खिताब जीता। प्लेऑफ में वैसे तो 4 ही टीमें पहुंचीं, लेकिन सभी 10 टीमों के बेस्ट प्लेयर्स से अगर टूर्नामेंट की बेस्ट टीम बनाएं तो उसमें लीग स्टेज से बाहर होने वाली टीमों के खिलाड़ी भी शामिल रहेंगे।

भास्कर ने पूरे टूर्नामेंट के पावरप्ले, मिडिल ओवर्स और डेथ ओवर्स में बेस्ट परफॉर्म करने वाले प्लेयर्स को चुना और उनसे एक ड्रीम प्लेइंग-11 बनाई। इनमें साथ एक इम्पैक्ट प्लेयर को भी शामिल किया। IPL के ऑफिशियल रूल को देखते हुए टीम में 4 विदेशी और 8 भारतीय खिलाड़ियों को जगह मिली। आगे स्टोरी में हम बैटिंग पोजिशन के हिसाब से प्लेइंग-12 पर नजर डालेंगे। साथ ही जानेंगे कि उन्होंने इस टीम में जगह क्यों बनाई।
बेस्ट ओपनर्स की रेस में शुभमन गिल, फाफ डु प्लेसिस, डेवोन कॉन्वे, विराट कोहली और यशस्वी जायसवाल के ऑप्शन सामने आए। क्योंकि इन्हीं 5 ने ओपनिंग करते हुए टूर्नामेंट में सबसे ज्यादा रन बनाए। लेकिन किन्हीं 2 प्लेयर्स को सिलेक्ट करने के लिए हमने उनका स्ट्राइक रेट और पावरप्ले रन को भी पैमाना बनाया।

शुभमन ने ऑरेंज कैप जीती, उन्होंने पावरप्ले के साथ मिडिल ओवर्स में रन बनाए और 3 शतक भी लगाए। इसीलिए वे पहले ओपनर बने। पावरप्ले रन और स्ट्राइक रेट के मामले में कोहली और कॉन्वे रेस से बाहर हो गए।

डु प्लेसिस और जायसवाल में गिल का साथी बनने की लड़ाई थी। जायसवाल ने 625 और डु प्लेसिस ने 730 रन बनाए, लेकिन यशस्वी का स्ट्राइक रेट ज्यादा रहा और उन्होंने फाफ से 12 चौके ज्यादा लगाए। वहीं डु प्लेसिस ने 36 और यशस्वी ने 26 छक्के लगाए।
ऐसे में फाफ को ही ओपनर होना चाहिए। लेकिन यशस्वी को ओपनिंग पोजिशन पर रख कर हमने डु प्लेसिस को नंबर-3 पर रख दिया। क्योंकि डु प्लेसिस ने पावरप्ले के साथ मिडिल ओवर्स में भी बहुत रन बनाए हैं।
टी-20 में नंबर-3 और नंबर-4 पर सेंसिबल के साथ अटैकिंग बैटर की जरूरत होती है। जो जल्दी विकेट गिरने पर पारी भी संभाल सके और देर से विकेट गिरने पर तेज स्ट्राइक रेट से बैटिंग भी कर सके। फाफ को हम तीसरे नंबर पर रख ही चुके हैं। ऐसे में एक पोजिशन पर सूर्यकुमार यादव, कैमरून ग्रीन, शिवम दुबे, ग्लेन मैक्सवेल और मार्कस स्टोयनिस रेस में थे।

नंबर-4 पोजिशन के लिए ग्रीन, दुबे, मैक्सवेल और स्टोयनिस की बात करें तो दुबे ने टूर्नामेंट में फाफ के बाद सबसे ज्यादा 35 छक्के लगाए, ग्रीन ने 160.28 के स्ट्राइक रेट से 452 रन बनाए, स्टोयनिस ने 27 छक्कों और 28 चौकों की मदद से 408 रन बनाए। वहीं 400 प्लस रन बनाने वाले खिलाड़ियों में RCB के ग्लेन मैक्सवेल का 183.48 का स्ट्राइक रेट सबसे ज्यादा रहा।
सूर्यकुमार 16 मैचों में 605 रन के साथ ओपनर्स के बाद सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बैटर रहे। उन्होंने 181.13 के स्ट्राइक रेट के साथ 1 शतक और 5 फिफ्टी भी लगाई। इनमें 28 छक्के और 65 चौके शामिल रहे। मिडिल ओवर्स में उन्होंने ही सबसे ज्यादा 483 रन बनाए। ऐसे में नंबर-4 पोजिशन पर तो उन्हीं का कब्जा रहा।
स्पेशलिस्ट विकेटकीपर बैटर की पोजिशन पर ईशान किशन, जितेश शर्मा, हेनरिक क्लासेन और निकोलस पूरन में रेस रही। बटलर भी रेस में रहते, लेकिन उन्होंने कीपिंग नहीं की। 142.76 का स्ट्राइक रेट और ओपनिंग पोजिशन पर भी बड़ी पारी न खेल पाना, 454 रन बनाने वाले किशन को इस रेस से बाहर करती है। उन्होंने 10 कैच और 3 स्टंपिंग की। जितेश ने 150 से ज्यादा के स्ट्राइक रेट से 300 प्लस रन जरूर बनाए, लेकिन ज्यादा मैचों में विकेटकीपिंग नहीं की।

पूरन ने 172.95 के स्ट्राइक रेट से 15 मैचों में 358 रन बनाए। उन्होंने 26 चौके और इतने ही छक्के लगाकर कई मैच विनिंग पारियां खेलीं। उन्होंने विकेट के पीछे 6 कैच लिए और 3 स्टंपिंग भी कीं। लेकिन 12 ही मैचों में 177.08 के स्ट्राइक रेट से 448 रन बनाने वाले क्लासेन विकेटकीपर्स में बेस्ट रहे।
क्लासेन ने एक शतक और 2 फिफ्टी भी लगाईं। साथ ही उनके बैट से 25 छक्के और 32 चौके भी आए। मिडिल ओवर्स में तो उन्होंने 175.14 के स्ट्राइक रेट से 303 रन बनाए। इनमें 18 छक्के और 19 चौके शामिल हैं। आखिरी मैचों में कई शानदार पारियों ने उन्हें विकेटकीपिंग पोजिशन के लिए बेस्ट बनाया।
नंबर-6 पर उतरने वाले फिनिशर की पोजिशन पर CSK के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी, टिम डेविड, शिमरोन हेटमायर और निकोलस पूरन रेस में थे। लेकिन KKR के रिंकू सिंह ने इन सभी को पीछे करते हुए फिनिशर की पोजिशन ली।

रिंकू ने डेथ ओवर्स में 194.30 के स्ट्राइक रेट से सबसे ज्यादा 239 रन बनाए। इस दौरान उन्होंने सबसे ज्यादा 20 छक्के और 15 चौके भी लगाए। गुजरात के खिलाफ 5 छक्के और लखनऊ के खिलाफ उनकी पारी तो IPL की ऑलटाइम बेस्ट मोमेंट में शामिल रहेगी।
नंबर-7 के ऑलराउंडर पोजिशन पर अक्षर पटेल, कैमरून ग्रीन, हार्दिक पंड्या, अभिषेक शर्मा और रवींद्र जडेजा रेस में रहे। ग्रीन लोअर ऑर्डर में बुरी तरह फेल रहे, वहीं अभिषेक ने टॉप ऑर्डर में ही बैटिंग की। हार्दिक ने 136.76 के स्ट्राइक रेट से 346 रन बनाए। उन्होंने पूरे टूर्नामेंट में 25 ओवर बॉलिंग की और 3 ही विकेट ले सके।

अक्षर और जडेजा ही नंबर-7 पोजिशन पर बचे। अक्षर ने इस सीजन 139.41 के स्ट्राइक रेट से 283 रन बनाए और बॉलिंग में 11 विकेट लिए। जडेजा ने 16 मैचों में 142.86 के स्ट्राइक रेट से 190 रन बनाए। लेकिन डेथ ओवर्स में सबसे ज्यादा रन के मामले में वह चौथे नंबर पर रहे।
जडेजा ने अपनी लेफ्ट आर्म स्पिन से 20 विकेट भी निकाले, जो 7 से 15 ओवर के बीच किसी भी बॉलर के सबसे ज्यादा विकेट हैं। जडेजा की फील्डिंग तो वर्ल्ड क्लास रहती ही है, उन्होंने सीजन में 9 कैच लिए। इसी कारण नंबर-7 पर जडेजा ही बेस्ट ऑप्शन हैं। फाइनल में उनकी फिनिशिंग तो सभी ने देख भी ली।
17 मैचों में 27 विकेट लेने वाले राशिद एक जगह पर होने ही थे। उन्होंने महज 8.23 की इकोनॉमी से रन दिए और लगभग हर सिचुएशन में टीम के लिए विकेट झटके। बॉलिंग के साथ राशिद की बैटिंग भी उन्हें दूसरों से अलग बनाती है। लेकिन वह अपनी बॉलिंग के दम पर ही किसी भी टीम में एंट्री ले सकते हैं।

चावला ने 22, चहल ने 21 और चक्रवर्ती ने 20 विकेट लेकर अच्छा कॉम्पिटिशन दिया। नूर अहमद ने 13 ही मैचों में 16 विकेट लिए। लेकिन जडेजा के रूप में पहले से लेफ्ट आर्म स्पिनर्स होने से तीसरे स्पिनर की पोजिशन पर किसी लेग स्पिनर्स का नाम कट गया। ऐसे में 20 विकेट लेने वाले मिस्ट्री स्पिनर चक्रवर्ती ने ही तीसरे स्पिनर की जगह ली।
नई गेंद के बॉलर्स की रेस में मोहम्मद शमी, मोहम्मद सिराज, तुषार देशपांडे, ट्रेंट बोल्ट और अर्शदीप सिंह रेस में रहे। देशपांडे ने 16 मैचों में 21 विकेट लिए, लेकिन 9.92 का खराब इकोनॉमी रेट उन्हें रेस से बाहर कर देता है। बोल्ट ने ज्यादा मैच नहीं खेले, वहीं अर्शदीप 14 मैचों में 17 ही विकेट ले सके।

मोहम्मद शमी ने पर्पल कैप जीती। 17 मैचों में 28 विकेट तो उन्होंने निकाले ही। पावरप्ले में सबसे ज्यादा 17 विकेट भी उनके ही नाम रहे, आखिरी ओवरों में भी उन्होंने 8 विकेट लिए। ऐसे में एक जगह तो उन्होंने हथिया ली।

RCB के मोहम्मद सिराज ने पावरप्ले में शमी के बाद सबसे ज्यादा 10 विकेट लिए। डेथ ओवर्स में तो उन्होंने शमी के बराबर 8 विकेट झटके। उनकी टीम 14 ही मैच खेल सकी, जिनमें उन्होंने महज 7.52 के इकोनॉमी रेट से 19 विकेट लिए। जो उन्हें शमी का परफेक्ट जोड़ीदार बनाता है।
पर्पल कैप लेने से एक विकेट दूर रहे मोहित शर्मा और मथीश पथिराना ही इस रेस में शामिल 2 गेंदबाज हैं। पथिराना ने CSK से 12 मैच खेलकर 19 विकेट लिए। वहीं GT से 14 मैच खेलने वाले मोहित ने 27 विकेट अपने नाम किए।

टूर्नामेंट के डेथ ओवर्स में पथिराना ने सबसे ज्यादा 18 विकेट निकाले हैं। वहीं उनके बाद 13 विकेट मोहित शर्मा के ही नाम रहे। ऐसे में हमने पथिराना को टीम का डेथ ओवर स्पेशलिस्ट बनाया और मोहित इम्पैक्ट प्लेयर्स की लिस्ट में शामिल हो गए।
मोहित शर्मा को तो हम एक इम्पैक्ट प्लेयर बना ही चुके हैं। क्योंकि टीम में राशिद खान तक बैटिंग ऑप्शन हैं। लेकिन 4 और प्लेयर्स के ऑप्शन इम्पैक्ट के रूप में टीमों के पास रहते हैं। ऐसे में मुंबई के बैटर तिलक वर्मा और गुजरात के साई सुदर्शन बैटिंग में ऑप्शन रहेंगे।
पीयूष चावला बतौर स्पिनर इन प्लेयर्स का साथ देंगे। 13वें खिलाड़ी के रूप में ग्लेन मैक्सवेल को रखा है। जिन्होंने 183 से ज्यादा के स्ट्राइक रेट के साथ स्ट्राइकर ऑफ द ईयर का अवॉर्ड जीता।
प्लेऑफ की टॉप-3 टीमों के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी, हार्दिक पंड्या और रोहित शर्मा तीनों ही अपने प्रदर्शन के कारण टीम में जगह नहीं बना सके। ऐसे में RCB की कप्तानी करने वाले फाफ डु प्लेसिस ही इस टीम के बेस्ट कप्तान हो सकते हैं।टीम ऑफ द टूर्नामेंट में रनर-अप गुजरात टाइटंस के प्लेयर्स का दबदबा रहा। टीम के गिल, राशिद और शमी ने टीम में जगह बनाई। वहीं मोहित शर्मा इम्पैक्ट प्लेयर बने। चैंपियन CSK के जडेजा और पथिराना ही टीम में शामिल हो सके।

CSK की तरह RCB और KKR के भी 2-2 प्लेयर्स ने जगह बनाई। बेंगलुरु से कप्तान फाफ डु प्लेसिस और सिराज रहे, वहीं कोलकाता से रिंकू और वरुण चक्रवर्ती टीम का हिस्सा बने। इनके अलावा मुंबई, राजस्थान और हैदराबाद से एक-एक प्लेयर ने जगह बनाई। दिल्ली, लखनऊ और पंजाब का एक भी खिलाड़ी टीम का हिस्सा नहीं बन सका।