चेन्नई ने एक पारी में फेंकी 136 गेंद, एक दिन में चार बार बना 200+ स्कोर,

इंडियन प्रीमियर लीग कहें या फिर इंक्रेडिबल प्रीमियर लीग…इसका मौजूदा सीजन रिकॉर्ड ब्रेकर साबित हो रहा है। इस सीजन के लीग स्टेज में ही कई ऑलटाइट रिकॉर्ड टूट चुके हैं, चाहे वह गेल के सबसे ज्यादा शतक जमाने का रिकॉर्ड हो या फिर ब्रॉवो के सबसे ज्यादा विकेट का। अब IPL-16 के प्लेऑफ का दौर जारी है
इस सीजन (CSK) ने लीग स्टेज में 14 मुकाबले खेले और एक प्लेऑफ मैच भी खेला। इनमें से 9 मुकाबलों में चेन्नई एक ही प्लेइंग-12 (प्लेइंग 11+ इम्पैक्ट प्लेयर) के साथ मैदान पर उतरी। गुजरात टाइटंस ने इस सीजन 14 में से 4 मैच में कोई बदलाव नहीं किए हैं। 10 में से पांच टीमें ऐसी रहीं, जो हर बार प्लेइंग-12 में बदलाव करती नजर आईं।

इम्पैक्ट प्लेयर इसी सीजन में लॉन्च हुआ है, लिहाजा यह रिकॉर्ड बनना तय था। लीग स्टेज के 14 में से 9 मैचों में टीम कॉम्बिनेशन न बदलना चेन्नई की बेहतरीन प्लानिंग को बताता है।
IPL 2023 में 30 अप्रैल को डबल हेडर (2 मैच) मुकाबले खेले गए। इन मुकाबलों की चारों पारियों में 200+ स्कोर (कुल 827 रन) बने। IPL इतिहास में यह पहली बार हुआ, एक ही दिन में चार बार 200+ का स्को बना हो। ये मुकाबले चेन्नई बनाम पंजाब और राजस्थान बनाम मुंबई था।

इस डबल हेडर से ठीक एक हफ्ते बाद यानी 7 मई को खेले गए दो मैचों में 829 रन बने थे, लेकिन इस दिन चारों पारियों में 200+ स्कोर नहीं हुआ, सिर्फ तीन पारियों में ही 200+ का स्कोर हुआ। इस दिन कुल 829 रन बने। इस दिन गुजरात टाइटंस (227 रन) और लखनऊ सुपर जायंट्स (171 रन), राजस्थान रॉयल्स (214 रन) और सनराइजर्स हैदराबाद (217) ने इतने रन बनाए थे। लीग स्टेज के आखिरी दिन (21 मई) भी दो मुकाबलों में कुल 796 रन बने।
पंजाब भले ही IPL-2023 के लीग स्टेज से बाहर हो गई, लेकिन टीम ने एक खास रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया। पंजाब ने लगातार चार मैचों में 200+ स्कोर किया। PBKS लीग के इतिहास में ऐसा करने वाली पहली टीम बनी है। पंजाब ने 3 मई को मुंबई इंडियंस (MI) के खिलाफ 214 रन बनाए, जिसे MI ने 7 गेंद रहते चेज कर लिया। इस मैच से पहले दोनों टीमों ने अपने तीन-तीन मुकाबलों में 200+ रन के स्कोर बनाए थे।

इनसे पहले, IPL में कोई भी टीम बल्लेबाजी में ऐसा नहीं कर सकी। पंजाब के बाद अगली ही पारी में मुंबई ने यह कारनामा दोहराया। MI ऐसा करने वाली लीग की दूसरी टीम बनी।
IPL 2023 का 41वां मुकाबला चेपॉक स्टेडियम में चेन्नई और पंजाब के बीच खेला गया। चेन्नई ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 200 स्कोर खड़ा किया और पंजाब को 201 रन का टारगेट मिला। इस मैच में पंजाब को जीत के लिए आखिरी बॉल पर तीन रन मिले। टीम के ऑलराउंडर सिकंदर रजा ने आखिरी बॉल पर तीन रन दौड़कर बना लिए। IPL इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ जब किसी टीम ने आखिरी बॉल पर तीन रन दौड़कर जीत हासिल की हो।
सीजन का 52वां मुकाबला 7 मई को जयपुर में राजस्थान रॉयल्स और सनराइजर्स हैदराबाद के बीच खेला गया। राजस्थान के खिलाफ हैदराबाद को मिली जीत के दौरान प्लेयर ऑफ द मैच का अवॉर्ड जीतने के लिए ग्लेन फिलिप्स ने सिर्फ सात गेंदों का सामना किया। उन्होंने 25 रन बनाए। इससे पहले IPL में इतनी कम गेंदें खेल कर कोई भी खिलाड़ी प्लेयर ऑफ द मैच नहीं बना था।
PBKS के बैटर शाहरुख खान ने इस IPL में तीन बार पहली गेंद पर छक्का लगाया। जितेश शर्मा ने दो बार यह कारनामा किया। निकोलस पूरन और यशस्वी जायसवाल ने सीजन में दो बार पहली ही गेंद पर सिक्स लगाया। कुल मिलाकर सीजन में 23 बल्लेबाजों ने छक्के के साथ अपनी पारी की शुरुआत की। जो IPL के किसी भी सीजन के लिए अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा है।
IPL 2023 में 120 बार बॉउंड्री (चौके-छक्के) की हैट्रिक हो चुकी है। यह अब तक का सबसे ज्यादा का आंकड़ा है, जब गेंद लगातार तीन या उससे ज्यादा बार सीमा रेखा के बाहर गई है। 2022 सीजन में 102 बार बल्लेबाजों ने लगातार तीन या उससे ज्यादा गेंदों पर बाउंड्री मारी थी।
यशस्वी जायसवाल और सूर्यकुमार यादव ने इस सीजन में यह कारनामा सात बार किया। निकोलस पूरन ने छह बार ऐसा किया है। गुजरात के खिलाफ अपने नाबाद 101 रन के दौरान विराट कोहली ने यश दयाल को लगातार तीन चौके लगाए। चार IPL सीजन में यह पहली बार था जब कोहली ने बैक-टू-बैक तीन बाउंड्री लगाईं।
स सीजन 40 अर्धशतक ऐसे लगे, जो 25 या उससे कम गेंदों में बने हों। ये 40 अर्धशतक 28 बैटर ने लगाए हैं। इससे पहले, इस मामले में पहले नंबर पर 2018 का सीजन था, जहां हां 19 बार 25 या उससे कम गेंदों पर अर्धशतक लगे थे। उस सीजन 16 बल्लेबाजों ने 25 या उससे कम गेंदों पर 50 लगाई थी।CSK के बॉलर्स ने चेपॉक स्टेडियम में 3 अप्रैल को LSG के खिलाफ खेले गए मैच में कुल 136 गेंदें फेंकी। मैच की एक पारी में एक टीम को 120 गेंद फेकनी होती है, उससे 16 गेंदें ज्यादा फेंके। IPL इतिहास में फेंकी गई गेंदों के लिहाज से यह सबसे लंबी पारी है। इस मैच में चेन्नई के गेंदबाजों ने 13 वाइड और तीन नो बॉल फेंके।