वरिष्ठ कांग्रेसी नेता पी. चिदंबरम ने शनिवार को कहा कि केंद्र सरकार को अपनी गलती मानते हुए ‘आर्थिक मंदी’ से निपटने के लिए पूर्व पीएम डा. मनमोहन सिंह से सलाह लेनी चाहिए। हालांकि पूर्व वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि ये सरकार ऐसा नहीं करेगी। केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए चिदंबरम ने कहा, मोदी सरकार आर्थिक मोर्चे पर उस नाकाम डॉक्टर की तरह है, जिसे मरीज का मर्ज ही समझ नहीं आता। राज्य सभा सांसद चिदंबरम ने कहा, देश की अर्थव्यवस्था को संभाल पाना एनडीए सरकार के बस की बात नहीं है। सरकार ने अर्थव्यवस्था की नब्ज को समझने वाले पूर्व सीईए डॉ अरविंद सुब्रमण्यन को सरकार ने बाहर कर दिया है। यहां केंद्र सरकार के बजट 2020-21 पर छात्रों को संबोधित कर रहे चिदंबरम ने कहा, अब इस सरकार के पास कोई ऐसा नहीं है, जो इस समस्या को समझ सके और इसका इलाज कर सके।
यह देश का दुर्भाग्य है कि उनके द्वारा सत्ता में बैठाए गए लोग देश की अर्थव्यवस्था को संभाल पाने में नाकाम हो रहे हैं। चिदंबरम ने कहा, जब मरीज का मर्ज समझ में न आए तो एक अच्छे डॉक्टर को कबूल कर लेना चाहिए कि रोग को ठीक करना उसके बस की बात नहीं ताकि मरीज कोई और विकल्प तलाशे।
बेरोजगारी के मुद्दे पर सरकार पर निशाना साधते हुए चिदंबरम ने कहा, यह आज तक की सबसे ज्यादा गरीब विरोधी सरकार है। ग्रामीण भारत और कृषि क्षेत्र बुरी हालत में है।
पूर्व वित्त मंत्री ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पर करारा हमला बोला। उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा, वित्त मंत्री भारत की आर्थिक दशा को उजागर करने को अनिच्छुक क्यों हैं? उन्होंने निर्मला सीतारमण की तरफ से पेश किए गए आम बजट को ‘सत्यनारायण कथा’ करार दिया।
उन्होंने कहा, यदि मैं ‘सत्यनारायण कथा’ पढूंगा तो मुझे पता लगेगा कि बजट पेश करते समय उन्होंने क्या कहा था। भारत के इतिहास में इससे पहले कभी सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) लगातार छह तिमाही तक नीचे नहीं गिरा है। चिदंबरम ने कहा, सातवीं तिमाही में क्या होगा, मैं नहीं जानता? पिछले 8 महीने से आय गिर रही है, लेकिन सरकार इससे इनकार करने पर अडिग है।
‘आईसीयू’ में है भारतीय अर्थव्यवस्था
चिदंबरम ने दावा किया कि भारत की अर्थव्यवस्था ‘आईसीयू’ में सांसे ले रही है। उन्होंने कहा, जब अर्थव्यवस्था ‘मरीज’ बन गई है, तब भी वित्त मंत्री लगातार कह रही हैं ‘अच्छे दिन आने वाले हैं’। मुझे उम्मीद है कि मरीज की हालत जल्द सुधरेगी।