CBI लखनऊ की स्पेशल क्राइम ब्रांच ने रेप और एससी-एसटी के फर्जी मुकदमा दर्ज कराने वाले गिरोह के खिलाफ FIR दर्ज की है। यह गिरोह प्रयागराज में वकीलों समेत तमाम लोगों को फर्जी मुकदमे में फंसाकर ब्लैकमेल कर रहा था। CBI लखनऊ की स्पेशल क्राइम ब्रांच ने इस मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश पर 3 मामले दर्ज किए हैं।
फर्जी मुकदमे में फंसाकर ब्लैकमेल करने वाले गैंग का खुलासा तब हुआ था जब रेप से संबंधित एक मुकदमे के शीघ्र निस्तारण का आदेश देने के लिए एक कथित पीड़िता ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की। इस मुकदमे में एक आरोपी वकील ने हाईकोर्ट में ऐसे 51 मुकदमों की सूची हाईकोर्ट को सौंपी। जिसमें लोगों को रेप और एससी-एसटी एक्ट में फंसाया गया था। इसमें से 36 मुकदमे अकेले मऊव अइमा थाने में ही दर्ज थे।
वकील ने कोर्ट को बताया कि प्रयागराज में एक बेहद शातिर गैंग सक्रिय है, जिसमें कुछ महिलाएं और वकील शामिल हैं। यह गैंग महिलाओं के जरिए निर्दोष लोगों के खिलाफ फर्जी मुकदमे दर्ज कराता है और फिर ब्लैकमेल करते हुए मुकदमा वापस लेने के नाम पर मोटी रकम की मांग करता है।
हाईकोर्ट ने इस तथ्य को गंभीरता से लेते हुए 18 मार्च 2022 को CBI को प्रारंभिक जांच करके रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया था। इसके बाद CBI ने इस मामले की जांच के बाद FIR दर्ज की।
CBI ने शुक्रवार को प्रयागराज के मऊअइमा थाने में वर्ष 2018 में संजू देवी, दारागंज थाने में वर्ष 2021 में निक्की देवी और शिवकुटी थाने में वर्ष 2016 में वकील सुनील कुमार की तरफ से दर्ज कराए गए रेप और एससी-एसटी से संबंधित फर्जी मुकदमों के आधार पर सीबीआई थाने पर नए मुकदमे दर्ज किए हैं। सीबीआई की टीम जल्द जांच करने प्रयागराज पहुंच कर नए सिरे से जांच करेगी।