सीबीआई ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश एसएन शुक्ला, उनकी दूसरी पत्नी शुचिता तिवारी और पहली पत्नी केश कुमारी के भाई साईदीन तिवारी के खिलाफ नई दिल्ली में आय से अधिक संपत्ति का मुकदमा दर्ज किया है। उन पर वर्ष 2015 से 2020 के बीच में आय से अधिक संपत्ति जमा करने का आरोप है। जांच एजेंसी ने करीब तीन वर्ष पूर्व शुक्ला के खिलाफ केस दर्ज किया था।
एसएन शुक्ला, शुचिता तिवारी और साईदीन तिवारी के ठिकानों पर छापे मारकर कई अहम सबूत एकत्र किए थे। इसी दौरान उनके परिजनों के नाम आय से अधिक संपत्तियों के प्रमाण मिलने के बाद एक और नया केस दर्ज किया गया है।
सीबीआई नई दिल्ली की एंटी करप्शन ब्रांच के डिप्टी एसपी सुरिंदर कुमार रोहिला की तहरीर पर यह मुकदमा भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत दर्ज किया गया है।
रोहिला ने यह तहरीर जांच रिपोर्ट के आधार पर दी थी। इसमें न्यायमूर्ति एसएन शुक्ला, पत्नी सुचिता तिवारी के अलावा साईदीन तिवारी व अन्य अज्ञात को आरोपी बनाया गया है। मुकदमे की विवेचना डिप्टी एसपी स्नेहांगशू विश्वास को सौंपी गई है।
सीबीआई ने आरोपियों पर 2.48 करोड़ से अधिक की संपत्ति जमा करने का आरोप लगाया है, जो निर्धारित अवधि में कुल आय का 402 प्रतिशत है। इस मामले में न्यायमूर्ति शुक्ला का परिवार और रिश्तेदार भी जांच के दायरे में हैं।
एक निजी मेडिकल कॉलेज की मान्यता से जुड़े मामले में उड़ीसा उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति आईएम कुद्दूसी को सीबीआई ने गिरफ्तार कर भेज दिया था।
सीबीआई ने न्यायमूर्ति शुक्ला के अलावा सेवानिवृत्त न्यायाधीश आईएम कुद्दूसी और एक शिक्षा संस्थान के पदाधिकारियों समेत अन्य को नामजद किया था। आरोप था कि अवकाश प्राप्त न्यायमूर्ति कुद्दूसी ने सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई वाले एक मामले में फैसले को प्रभावित करने का प्रयास किया।
जांच में पता चला कि शुचिता तिवारी 2014-15 में जब एसएन शुक्ला के संपर्क में आई थीं तो उनके पास कोई चल-अचल संपत्ति नहीं थी।
छापे में लखनऊ के सुशांत गोल्फ सिटी स्थित आवास से एसएन शुक्ला के नाम से 18 लाख रुपये की एफडीआर मिली थी। सीबीआई के मुताबिक यह रकम शुक्ला ने अवैध तरीके से अर्जित धन से खरीदी थी।
अप्रैल 2014 से दिसंबर 2019 के बीच शुचिता तिवारी ने लखनऊ और फैजाबाद में 14 संपत्तियां खरीदीं जिनकी कुल कीमत 1.87 करोड़ रुपये है। इनमें लखनऊ के सुशांत गोल्फ सिटी में फ्लैट, दुकान फैजाबाद में एलआईजी मकान थे।
इसके साथ ही शुचिता तिवारी को फैजाबाद के अद्भुत इंडिया एकेडमिक फाउंडेशन ट्रस्ट और फैजाबाद के एंजेल ग्रुप ऑफ एजुकेशन ट्रेनिंग समाजसेवी संस्थान से डिप्टी रजिस्ट्रार के पद की सैलरी भी मिलती थी।
जहां शुचिता तिवारी के बैंक खातों में 55.16 लाख रुपये जमा मिले। वहीं सीबीआई छापे में उनके फ्लैट से सात लाख रुपये के आभूषण, 30 लाख कीमत की दो गाड़ियां और करीब पांच लाख रुपये कीमत का सामान मिला।