विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कहा है कि फाइजर और माडर्ना की एमआरएनए आधारित कोरोना वैक्सीन (mRNA Covid-19 vaccines) लगवाने के बाद दिल में सूजन के बहुत ही दुर्लभ मामले पाए गए हैं, लेकिन इस टीके से होने वाले लाभ की तुलना में ये मामले न के बराबर हैं। मायोकार्डिटिस या पेरिकार्डिटिस के लक्षणों में लगातार सीने में दर्द और सांस की तकलीफ शामिल हैं।
डब्ल्यूएचओ की वैक्सीन सुरक्षा पर वैश्विक सलाहकार समिति (जीएसीवीएस) ने कहा कि मायोकार्डिटिस (myocarditis) और पेरिकार्डिटिस (pericarditis) के कुछ मामले अमेरिका और अन्य देशों में पाए गए हैं। मायोकार्डिटिस हृदय की मांसपेशियों की सूजन है, जबकि पेरिकार्डिटिस हृदय के चारों ओर की परत की सूजन है। उपलब्ध आंकड़ों से यह भी पता चलता है कि टीकाकरण के बाद मायोकार्डिटिस और पेरिकार्डिटिस का तत्काल कारण आम तौर पर हल्का होता है।
समिति ने कहा कि एमआरएनए कोरोना वैक्सीन लगवाने के बाद युवाओं में दिल में सूजन के कुछ मामले मिले हैं। दूसरी डोज लेने के कुछ दिन बाद इस तरह के मामले सामने आए हैं। यह सूजन बहुत ही हल्का रहा है और ज्यादातर लोगों को आराम करने से ही इससे राहत मिल गई।
यूएस वैक्सीन एडवर्स इवेंट्स रिपोर्टिंग सिस्टम (VAERS) के आंकड़ों के अनुसार, 11 जून, 2021 तक 12 से 29 वर्ष के आयु वर्ग के लोगों में से पुरुषों में दूसरी खुराक में मायोकार्डिटिस के 10 लाख में से लगभग 40.6 मामले और महिलाओं में 10 लाख में 4.2 मामले सामने आए हैं, जिन्हें एमआरएनए कोविड -19 टीके प्राप्त किए हैं।
वहीं इस दुर्लभ मामले की पुष्टि यूरोप के ड्रग रेगुलेटर, यूरोपियन मेडिसिन एजेंसीने भी की थी। ईएमए की फार्माकोविजिलेंस रिस्क असेसमेंट कमेटी (पीआरएसी) ने यूरोप में मायोकार्डिटिस और एमआरएनए टीकों के बीच संबंध की पुष्टि की। वैश्विक स्वास्थ्य निकाय ने चिकित्सकों को एमआरएनए टीकों के साथ मायोकार्डिटिस और पेरीकार्डिटिस के जोखिम के बारे में जागरूक होने की सलाह दी है।