उत्तर प्रदेश में 69000 शिक्षक भर्ती के मामले में बीते 500 दिनों से ज्यादा धरना दे रहे अभ्यर्थी अचानक से सीएम आवास पहुंच गए। सीएम आवास के बाहर अभ्यर्थियों को देख पुलिस हड़कंप में आ गई और आनन- फानन में उन्हें जबरन वहां से हटाया गया।
अचानक पहुंचे अभ्यर्थियों को देख पुलिस हड़कंप मच शनिवार की सुबह अचानक से 69000 शिक्षक भर्ती के अभ्यार्थियोंं ने मुख्यमंत्री के आवास पर जा के जमकर नारेबाजी की गई है। इस दौरान धरने पर बैठे अभ्यार्थियों ने अपने हाथों में बैनर- पोस्टर भी पकड़ा हुआ था।
पुलिस से जबरदस्त झड़प हुई कई अभ्यर्थियों पर पुलिस ने हल्का बल प्रयोग करते हुए उन्हें वहां से जबरन हटाने लगी। इस दौरान नारेबाजी करने वाले अभ्यार्थियों की पुलिस के साथ धक्का-मुक्की भी देखने को मिली। यही नहीं पुलिस बल का प्रयोग करते हुए अभ्यार्थियों को ईको गार्डन ले जाने की कोशिश की गई।
पुलिस सभी अभ्यर्थियों को बस में भरकर इको गार्डन ले गई है। प्रदर्शन करने वाले अभ्यार्थियों ने यह आरोप लगाया है कि बेसिक शिक्षा विभाग से इस बारे में कई बार बात की जा चुकी है लेकिन अभी तक उन्हें नियुक्ति पत्र नहीं दिया गया। यही नहीं 2022 में चुनाव के समय भी योगी सरकार ने नियुक्ति देने का आश्वासन दिया था।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी शिक्षक भर्ती में आरक्षण और नियुक्ति न मिली शिक्षा भर्ती में आरक्षण घोटाले का आरोप लगा रहे अभ्यर्थियों ने कहा कि 69000 शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में सरकार ने 6800 अभ्यर्थियों के भविष्य से खिलवाड़ किया है। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद भी सरकार नियुक्ति नहीं दे रही है। अभ्यर्थियों ने आरोप लगाया कि चुनाव के समय मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया था कि किसी भी अभ्यर्थियों के साथ अन्य नहीं होने देंगे, लेकिन चुनाव बीते डेढ़ साल से अधिक हो गया है। मुख्यमंत्री ने अभी तक वादा दर्जन बार वादा किया लेकिन वादा नहीं निभाया है। जानकारी के अनुसार बता दें कि अभ्यर्थियों ने आरोप लगाया कि भाजपा के पिछड़े ओर दलित जाति के नेता वोट लेने के लिए हमारी मांगों को पूरा करने का आश्वासन देते हैं। लेकिन जब न्याय दिलाने की मांग की जाती है तो पीछे हट जाते हैं। अभ्यर्थियों ने बताया कि इससे उनके बीच खासी नाराजगी है।