मुख्य सचिव व डीजीपी को तलब किया जाना संविधान के खिलाफ:तृणमूल सांसद

बंगाल में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के काफिले पर हुए हमले के बाद केंद्र की ओर से राज्य के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को तलब किए जाने पर लोकसभा में तृणमूल संसदीय दल के मुख्य सचेतक तथा सांसद कल्याण बनर्जी ने केंद्रीय गृह सचिव को पत्र लिखकर कहा है कि यह राज्य का मामला है तथा संविधान के अनुसार केंद्र इन्हें कैसे तलब कर सकता है? वहीं दूसरी ओर कानून के जानकारों का कहना है कि केंद्र को तलब करने का अधिकार है। दूसरी ओर सूत्रों के मुताबिक काफिले पर हमले के दौरान तैनात तीन आईपीएस अधिकारियों को केंद्र ने सेंट्रल डेपुटेशन पर बुलाया है जिसको लेकर भी तृणमूल सांसद ने सवाल उठाया है।
दरअसल बंगाल में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के काफिले पर गुरुवार को हुए हमले का मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा है। बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने इस मामले में केंद्रीय गृह मंत्रालय को एक रिपोर्ट भेजी है। दूसरी ओर, इस मामले में गृह मंत्रालय ने बंगाल में कानून-व्यवस्था को लेकर राज्य के मुख्य सचिव अलापन बंद्योपाध्याय और डीजीपी वीरेंद्र को तलब किया है।
दोनों अधिकारियों को 14 दिसंबर को सुबह 11 बजे दिल्ली में हाजिर होने को कहा गया है। इधर, राज्य के मुख्य सचिव ने शुक्रवार को केंद्रीय गृह सचिव को पत्र लिखकर 14 को दोनों अधिकारियों के हाजिर होने पर असमर्थता जताई है। बंगाल के राज्यपाल द्वारा भेजी गई रिपोर्ट के बाद केंद्र ने मुख्य सचिव व डीजीपी को तलब किया है। राज्यपाल ने अपनी रिपोर्ट में नड्डा पर हुए हमले के लिए राज्य पुलिस की निष्क्रियता को कारण बताया है।
इधर, केंद्र द्वारा राज्य के मुख्य सचिव व डीजीपी को तलब किए जाने पर सत्तारुढ़ तृणमूल कांग्रेस ने कड़ी प्रतिक्रिया जताते हुए इसे असंवैधानिक बताया है। लोकसभा में तृणमूल संसदीय दल के मुख्य सचेतक तथा सांसद कल्याण बनर्जी ने केंद्रीय गृह सचिव को पत्र लिखकर कहा है कि यह राज्य का मामला है तथा संविधान के अनुसार केंद्र इन्हें कैसे तलब कर सकता है? दूसरी ओर सूत्रों के मुताबिक काफिले पर हमले के दौरान तैनात तीन आईपीएस अधिकारियों को केंद्र ने सेंट्रल डेपुटेशन पर बुलाया है जिसको लेकर भी तृणमूल सांसद ने सवाल उठाया है।

इस बीच, तृणमूल कांग्रेस का सवाल है कि क्या मुख्य सचिव या जीडीपी को शारीरिक रूप से इस तरह से बुलाया जा सकता है! इस बारे में, पूर्व न्यायाधीश अशोक गंगोपाध्याय कहते हैं, “मुझे संविधान के दो लेख याद हैं। एक 257 और दूसरा 355 है। अनुच्छेद 257 में कहा गया है कि सरकार अपनी प्रशासनिक शक्तियों का इस तरह उपयोग नहीं कर सकती है जिससे केंद्र सरकार की प्रशासनिक शक्तियों का प्रयोग बाधित हो। यदि आवश्यक हो, तो केंद्र सरकार यहां निर्देश दे सकती है।

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आदर्श कुमार

संस्थापक और एडिटर-इन-चीफ