लखनऊ से बिहार में बैठे पिता को फोन किया, पिता से 20 लाख फिरौती मांगी

लखनऊ में एक होटल में बैठकर बिहार निवासी एक मरीन इंजीनियर ने सोमवार दोपहर अपने ही अपहरण की कहानी रची। लखनऊ के होटल से बिहार में बैठे पिता को फोन कर 20 लाख रुपए की फिरौती मांग ली। बेटे के अपहरण की सूचना मिलते ही पिता ने उसके खाते में तीन लाख रुपए ट्रांसफर भी कर दिए।

बेटे ने फोन करने से पहले ऐप के जरिए आवाज बदली थी। पुलिस की पकड़ में न आ सके, इसके लिए एक ऐप से परिजनों को मेल किया। लेकिन, फोन ऑन था तो पुलिस उसके पास तक पहुंच गई। पुलिस ने मोबाइल नंबर के आधार पर सर्विलांस की मदद ली, दो घंटे के अंदर चारबाग स्थित एक होटल से इंजीनियर बेटे को पकड़ लिया। इंजीनियर ने पूछताछ में बताया कि क्रिप्टो करेंसी ट्रेडिंग में 54 लाख रुपए का कर्जदार होने पर उसने ऐसा किया।
ADCP पश्चिम लखनऊ चिरंजीव नाथ सिन्हा ने बताया कि बिहार के रोहतास निवासी ठेकेदार राजेंद्र का बेटा नमन उर्फ गोलू कोलकाता से मरीन इंजीनियरिंग की है। इसके बाद बेंगलुरु में एक कंपनी में काम करता है। सोमवार को लखनऊ KGMU में कार्यरत अपने होने वाले बहनोई डॉक्टर से मिला। उसके बाद वह वहां से जाने के कुछ ही घंटे बाद पिता को फोन किया। कॉलर ने कहा कि उसके बेटे नमन का अपहरण कर लिया गया है। उसके खाते में 20 लाख रुपए ट्रांसफर करो।

इसके बाद पिता ने एक लाख रुपए तुरंत भेजे। फिर नमन की बहन ने दो लाख रुपए खाते में जमा किए। रुपए जिस खाते में भेजे गए, वह नमन का ही अकाउंट था। वहीं बहन ने ही लखनऊ पुलिस को 3:30 बजे मामले की सूचना दी। अपहरण की सूचना मिलते ही पुलिस की छह टीमें लगाई गईं। करीब दो घंटे बाद चारबाग स्थित एक होटल से कॉलर को पकड़ लिया गया। पुलिस ने कॉलर से पूछताछ किया तो पता चला कि वो कोई और नहीं, बल्कि नमन ही है। उसने खुद के अपहरण की साजिश रचकर पिता को फोन किया था।
नमन ने पुलिस की पूछताछ में बताया कि बेंगलुरु से घर आते समय ही उसने कर्ज उतारने का पूरा प्लान बना लिया। उसे विश्वास था कि अगर अपहरण होगा तो घर वाले रुपए दे देंगे। उसने पिता को फोन किया तो कहा कि नमन का अपहरण हो गया है। 20 लाख रुपए ट्रांसफर कर दो। उसने बताया कि गांव के वीरेंद्र का अपहरण हुआ था, जो आज तक नहीं लौटा। वीरेंद्र का जिक्र करना ही नमन की गलती बन गई। नमन की बहन ने जब ये बात पुलिस को बताई तो पुलिस का शक गहरा गया। पुलिस ने सोचा कि अगर नमन का अपहरण हुआ है तो किडनैपर को ये बात कैसे पता कि गांव के वीरेंद्र का पहले अपहरण हो चुका है।
ADCP ने बताया कि नमन ने फन वायस ऐप के जरिए इंटरनेट कॉल की थी। यही वजह है कि बात उसने खुद की थी, लेकिन आवाज अलग थी। साथ ही ईमेल भी परिजनों को भेजा था। ये मेल प्रोटेन मेल ऐप के जरिए भेजा था। इस तरह के ऐप का इस्तेमाल हैकर्स करते हैं। जिससे वह पकड़ में न आए। नमन ने कॉलिंग और ईमेल में ऐप का इस्तेमाल किया, लेकिन मोबाइल बंद नहीं किया। इसके चलते पुलिस ने उसको सर्विलांस की मदद से खोज निकाला।
ADCP का कहना है कि नमन को होटल से पकड़ लिया गया है। उसके खिलाफ शांतिभंग की कार्रवाई की गई है। परिवार वालों को जानकारी दी गई है। अगर परिजन कोई शिकायत दर्ज कराते हैं तो आगे की कार्रवाई की जाएगी।