संसद का बजट सत्र गुरुवार को तय समय से करीब 13 दिन पहले ही खत्म हो गया। इसके साथ ही दोनों ही सदनों की कार्यवाही भी अनिश्चितकाल तक के स्थगित हो गई। करीब दो महीने लंबे इस सत्र की शुरुआत विपक्ष के बायकाट के साथ हुई थी। कई दिन तक कामकाज ठप रहा। बाद में कामकाज की थोड़ी भरपाई हुई। लोकसभा में इस बीच 114 फीसद और राज्यसभा में 90 फीसद काम हुआ। आम बजट सहित बीमा विधेयक व दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी राज्य क्षेत्र शासन संशोधन विधेयक जैसे कई महत्वपूर्ण विधेयक पारित किए गए।
बजट सत्र के समापन अवसर पर दोनों सदनों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मौजूद रहे। हालांकि लोकसभा में कांग्रेस ने उनकी उपस्थिति का मुद्दा उठाते हुए सवाल किया कि क्या प्रधानमंत्री से मिलने बंगाल जाना होगा। ऐसे में इस तरह के आरोप ठीक नहीं हैं। कांग्रेस सांसद रवनीत सिंह जब यह आरोप लगा रहे थे, उसके कुछ ही देर में प्रधानमंत्री लोकसभा में पहुंच गए। सत्ता पक्ष के सदस्यों ने इस पर ऐतराज जताया और कहा कि पीएम संसद की बैठकों में लगातार आते रहे है।
वहीं, राज्यसभा में सभापति ने बजट सत्र के समापन अवसर पर सदन में हुए कामकाज को लेकर सदस्यों को सराहा। साथ ही संसदीय समिति की बैठकों में सदस्यों की अनुपस्थिति पर चिंता जताई। उन्होंने राजनीतिक दलों से आग्रह किया कि वे संसदीय समिति की बैठकों में पार्टी के सांसदों की उपस्थिति सुनिश्चित कराएं।
संसद का बजट सत्र 29 जनवरी से आठ अप्रैल तक प्रस्तावित था। यह दो सत्रों में रखा गया था। पहला सत्र 29 जनवरी को राष्ट्रपति के अभिभाषण से शुरू होकर 28 फरवरी तक रहा। जबकि दूसरा सत्र आठ मार्च से आठ अप्रैल तक रखा गया था। लेकिन बंगाल सहित पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों को देखते हुए विभिन्न राजनीतिक दलों के सदस्यों ने लोकसभा अध्यक्ष से सत्र तय समय से पहले समाप्त करने का अनुरोध किया था। हाल ही में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के कोरोना संक्रमित होने के बाद राज्यसभा के सदस्यों ने भी सत्र समाप्त करने का अनुरोध किया था। जिसके बाद यह फैसला लिया गया है।
कोरोना संकट के बाद संसद की बैठकों का भी स्वरूप बदल गया था। इस बीच जो व्यवस्था की गई थी, उसके तहत राज्यसभा सुबह और लोकसभा को संचालित की जाती थी। यह व्यवस्था कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए की गई थी। बजट सत्र के पहले भाग में दोनों ही सदन इस व्यवस्था से संचालित हुए, लेकिन दूसरे भाग में दोनों ही सदनों की बैठकेंनियमित समय पर लौट आई थीं। जिसमें दोनों ही सदनों की बैठकें साथ-साथ होती थीं।
बजट सत्र के दौरान राज्यसभा में 19 विधेयक व लोकसभा में 18 विधेयक पारित किए गए। इस दौरान जो प्रमुख विधेयक पारित हुए, इनमें बजट के साथ दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी राज्य क्षेत्र संशोधन विधेयक, मध्यस्थ और सुलह संशोधन विधेयक, खान एवं खनिज संशोधन विधेयक, अनुसूचित जाति संशोधन विधेयक, बीमा संशोधन विधेयक, नौचालन के लिए सामुद्रिक सहायता विधेयक आदि शामिल हैं।