बौद्ध भिक्षु तिक न्यात हन्ह का 95 साल की उम्र में निधन हो गया है। उन्होंने वियतनाम के उसी तु हियु मंदिर में प्राण त्यागे जहां से उनकी आध्यात्मिक यात्रा शुरू हुई थी। तिक न्यात हन्ह के अनुनायियों ने उनके आधिकारिक अकाउंट से ट्वीट करके उनके निधन की जानकारी दी। तिक न्यात हन्ह ने अपनी पहचान विचारक, कवि, लेखक और एक्टिविस्ट के रूप में भी बनाई। वियतनाम युद्ध को खत्म करने का आह्वान करने के लिए करीब 40 साल के लिए उन्हें देश से निष्कासित कर दिया गया था। अपनी शिक्षाओं के चलते तिक बौद्ध धर्म में प्रभावी होते चले गए और दलाई लामा के बाद उन्हें दूसरा सबसे प्रमुख बौद्ध धर्म गुरु माना जाने लगा।