प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को गुरु पूर्णिमा के अवसर पर आषाढ़ पूर्णिमा-धम्म चक्र दिवस कार्यक्रम में हिस्सा लिया। इस वचुअल प्रोग्राम में उन्होंने कहा कि आज कोरोना महामारी के दौर में मानवता का संकट है। ऐसे में भगवान बुद्ध हमारे लिए और भी प्रासंगिक हो जाते हैं। बुद्ध के मार्ग पर चलकर ही बड़ी से बड़ी चुनौती का सामना हम कैसे कर सकते हैं, भारत ने यह कर के दिखाया है। बुद्ध के सम्यक विचार को लेकर आज दुनिया के देश भी एक दूसरे का हाथ थाम रहे हैं।
उन्होंने कहा कि सारनाथ में बुद्ध ने पूरे जीवन का पूरे ज्ञान का सूत्र हमें बताया था। उन्होंने दुख के बारे में बताया। दुख के कारण के बारे में बताया। उन्होंने बताया कि दुखों से जीता जा सकता है और इस जीत का रास्ता भी तय हो सकता है।
बुद्ध ने हमें जीवन के लिए आठ सूत्र दिए। सम्यक दृष्टि, सम्यक संकल्प, सम्यक वाणी, सम्यक कर्म, सम्यक आजीविका, सम्यक प्रयास, सम्यक मन, सम्यक समाधि यानी मन की एक्रागता। हमारे जीवन में अगर इनका संतुलन है तो हम सुख प्राप्त कर सकते हैं।
आज हम गुरु पूर्णिमा मनाते हैं, आज ही के दिन भगवान बुद्ध ने बुद्धत्व की प्राप्ति के बाद अपना पहला ज्ञान संसार को दिया था। हमारे यहां कहा गया है कि जहां ज्ञान है, वहीं पूर्णता है। बुद्ध ने कहा कि बैर से बैर शांत नहीं होता, बल्कि बैर बड़े मन से शांत होता है। दुनिया ने इसे महसूस किया है। बुद्ध का यह ज्ञान जैसे-जैसे समृद्ध होगा, विश्व एक नई ऊंचाई को छुएगा।