बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती भले ही उत्तर प्रदेश के साथ केंद्र में भी किसी सदन की सदस्य नहीं हैं, लेकिन वह बेहद सक्रिय हैं। कोरोना संक्रमण के दौर में भी चल रहे उत्तर प्रदेश विधानमंडल के मानसून सत्र को लेकर मायावती ने अपनी राय दी है। मायावती ने विपक्ष के साथ सत्तापक्ष के सभी नेताओं के अपील की है कि इस बेहद छोटे(चार दिन) के सत्र में बेकार के मामलों को छोड़कर जनहित के मुद्दों पर चर्चा करें। जिसका कोई समाधान निकले और हर स्तर पर जनता को लाभ मिले।
उत्तर प्रदेश के विधानसभा सत्र के दौरान बसपा प्रमुख मायावती ने आज ट्वीट के माध्यम से सत्ता तथा विपक्ष के विधायक से बड़ी अपील की है। उत्तर प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र के पहले ही दिन गुरुवार को हंगामा होने लगा। योगी आदित्यनाथ सरकार के खिलाफ समाजवादी पार्टी के विधायकों ने जमकर हंगामा किया। इसके कारण सत्र को गुरुवार के बाद आज भी हंगामे की वजह से शनिवार को सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया।
बसपा सुप्रीमो मायावती ने ट्वीट करके कहा कि उत्तर प्रदेश में सत्ता व विपक्ष के विधायकों से मेरी पुरजोर अपील है कि वह लोग विधानसभा के चल रहे वर्तमान सत्र में दलगत राजनीति से उपर उठकर जनहित के विशेष मुद्दों को जरूर प्रभावी ढंग से सदन में उठाकर शासन व प्रशासन को जिम्मेदार व जवाबदेह बनायें। उन्होंने कहा कि आप सभी का यह कदम व्यापक जनहित की मांग है।
मायावती ने कहा कि वैसे तो योगी आदित्यनाथ सरकार के एजेण्डे से सूबे के विकास मुद्दा काफी हद तक गायब है। इसके बाद भी सरकार प्रदेश में महिला उत्पीडऩ तथा दलित, मुस्लिम व ब्राह्मण समाज आदि की द्वेष की भावना से हो रही हत्यायें व अन्य अत्याचार आदि की अर्थात यूपी में बिगड़ी कानून-व्यवस्था को लेकर आवाज जरूर उठायें। यह सब तो हम सभी के लिए समय की मांग है।