ब्राजील के राष्ट्रपति जेयर बोल्सोनारो ने कोरोना के दौरान दिया यह अजीबो-गरीब बयान

अमेरिका के बाद अगर कहीं कोरोना ने सबसे ज्यादा कहर मचाया है तो वो है ब्राजील। लेकिन ब्राजील के राष्ट्रपति जेयर बोल्सोनारो अजीबो-गरीब बयान देना नहीं छोड़ रहे हैं। हाल ही में राष्ट्रपति बोल्सोनारो ने कोरोना वैक्सीन को लेकर एक बयान जारी किया है, जिसने सभी का ध्यान खींच लिया है।

‘वैक्सीन लगाने से इंसान बनेगा मगरमच्छ’
राष्ट्रपति जेयर बोल्सोनारो ने फाइजर-बायोएनटेक की ओर से विकसित की जा रही वैक्सीन को लेकर बयान दिया है कि अगर कोई इस वैक्सीन को लेगा तो वो मगरमच्छ बन जाएगा। इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा कि इस वैक्सीन के माध्यम से महिलाओं की दाढ़ी भी बढ़ सकती है।
इससे पहले भी राष्ट्रपति बोल्सोनारो कोरोना को लेकर कई बयान दे चुके हैं। उन्होंने पहले तो कोरोना जैसी बीमारी को मानने से मना कर दिया था और उसे मात्र एक फ्लू बताया। इस हफ्ते राष्ट्रपति बोल्सोनारो ने वैक्सीन को लेकर बयान दिया और कहा कि ब्राजील में लोगों को कोई टीका नहीं लगााया जाएगा।

फाइजर के अनुबंध का दिया हवाला
राष्ट्रपति बोल्सोनारो ने कहा कि फाइजर ने अपने अनुबंध में यह साफ किया है कि वो वैक्सीन के दुष्प्रभाव के लिए किसी भी तरह से जिम्मेदार नहीं होंगे। अगर आप मगरमच्छ में बदल जाते हैं तो यह आपकी समस्या है। हालांकि ब्राजील में इस टीके का पहले से ही परीक्षण चल रहा है।

राष्ट्रपति बोल्सोनारो ने दवा निर्माताओं के बारे में बताते हुए कहा कि अगर आप गायब हो जाते हैं, अगर एक महिला की दाढ़ी बढ़ना शुरू हो जाती है या एक आदमी औरत की आवाज में बोलना शुरू कर देता है तो इससे दवा कंपनियों का कोई लेना-देना नहीं होगा।

जुलाई में राष्ट्रपति बोल्सोनारो को हुआ था कोरोना
हालांकि राष्ट्रपति बोल्सोनारो टीका लेने से मना करते हैं। उनका कहना है कि जो लोग ये कहते हैं कि मैं एक गलत उदाहरण पेश कर रहा हूं तो मैं उन्हें बता दूं कि मैंने पहले ही वायरस पकड़ लिया है और मेरे पास एंटीबॉडीज हैं। इसलिए वैक्सीन क्यों लगवाया जाए? बता दें कि राष्ट्रपति बोल्सोनारो को जुलाई में कोरोना हुआ था और वो तीन हफ्ते में ठीक हो गए थे।

अच्छी पत्रकारिता मायने रखती है, संकटकाल में तो और भी अधिक

-क्यों न्यूज़ मीडिया संकट में है और कैसे आप इसे संभाल सकते हैं

-आप ये इसलिए पढ़ रहे हैं क्योंकि आप अच्छी, समझदार और निष्पक्ष पत्रकारिता की कद्र करते हैं. इस विश्वास के लिए हमारा शुक्रिया.

-आप ये भी जानते हैं कि न्यूज़ मीडिया के सामने एक अभूतपूर्व संकट आ खड़ा हुआ है. आप मीडिया में भारी सैलेरी कट और छटनी की खबरों से भी वाकिफ होंगे. मीडिया के चरमराने के पीछे कई कारण हैं. पर एक बड़ा कारण ये है कि अच्छे पाठक बढ़िया पत्रकारिता की ठीक कीमत नहीं समझ रहे हैं.

-द दस्तक 24 अच्छे पत्रकारों में विश्वास करता है. उनकी मेहनत का सही मान भी रखता है. और आपने देखा होगा कि हम अपने पत्रकारों को कहानी तक पहुंचाने में जितना बन पड़े खर्च करने से नहीं हिचकते. इस सब पर बड़ा खर्च आता है. हमारे लिए इस अच्छी क्वॉलिटी की पत्रकारिता को जारी रखने का एक ही ज़रिया है– आप जैसे प्रबुद्ध पाठक इसे पढ़ने के लिए थोड़ा सा दिल खोलें और मामूली सा बटुआ भी.

अगर आपको लगता है कि एक निष्पक्ष, स्वतंत्र, साहसी और सवाल पूछती पत्रकारिता के लिए हम आपके सहयोग के हकदार हैं तो नीचे दिए गए लिंक को क्लिक करें और हमारे यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करें . आपका प्यार द दस्तक 24 के भविष्य को तय करेगा.
https://www.youtube.com/channel/UC4xxebvaN1ctk4KYJQVUL8g

आदर्श कुमार

संस्थापक और एडिटर-इन-चीफ