कोरोनावायरस महामारी (Coronavirus) से ठीक तरीके से नहीं निपटने को लेकर ब्राजील (Brazil) के राष्ट्रपति जेयर बोल्सोनारो (Jair Bolsonaro) की चारों तरफ आलोचना की जा रही है. बोल्सोनारो की आलोचना उनके खुद के मुल्क में ही की जा रही है. साओ पाउलो (Sao Paulo) के गवर्नर ने सीएनएन को दिए एक इंटरव्यू में कोरोना से ठीक तरीके से नहीं निपटने पर बोल्सोनारो को ‘मानसिक रोगी’ (Psychopathic leader) बताया है.
देश के हेल्थकेयर सिस्टम को लेकर पूछे एक सवाल में गवर्नर जाओ डोरिया ने कहा कि ब्राजील में कोविड-19 से जितने लोगों की मौत हुई है, उसे होने से रोका जा सकता था. इसके लिए सिर्फ बोल्सोनारो को अपने पद की जिम्मेदारी ठीक ढंग से निभानी थी. अमेरिका के बाद ब्राजील में कोरोना से सबसे ज्यादा मौतें हुई हैं और यहां हालात दिन ब दिन खराब होते जा रहे हैं. पिछले साल महामारी की शुरुआत होने पर जितने लोग ब्राजील में जान गंवा रहे थे. वो संख्या अब तीन गुना हो चुकी है. वर्तमान में हर रोज करीब तीन हजार लोगों की वायरस से मौत हो रही है.
ब्राजीलियन मीडिया में इस बात की रिपोर्ट्स प्रकाशित हो रही हैं कि देश के राष्ट्रपति कोविड-19 के बढ़ते मामलों से निपटने में कठिनाई का सामना कर रहे हैं. सरकार ने पिछले हफ्ते स्वास्थ्य मंत्री को बर्खास्त कर दिया और उनकी जगह कौन इस पद को संभालेगा इसकी जानकारी नहीं दी गई. ब्राजील में सामने आए वायरस के नए वेरिएंट के चलते देश में कोरोना की लहर चल रही है. देश के अस्पतालों की हालत बेहद खराब हो चुकी है और यहां मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है.
जाओ डोरिया (Joao Doria) ने कहा, हम इतिहास के उस क्षण में फंसे हुए हैं, जब देश की सत्ता एक अकुशल और मानसिक रोगी के हाथों में है. इसकी कीमत देश के करोड़ों लोगों को चुकानी पड़ रही है. डोरिया के राज्य साओ पाउलो में कोरोना के चलते इस महीने की शुरुआत से ही शिक्षा संस्थान बंद हैं और आर्थिक गतिविधियों पर रोक लगी हुई है. बोल्सोनारो के कट्टर आलोचक माने जाने वाले डोरिया ने कहा, हम महामारी से जूझ रहे हैं और हमारे पास दो स्वास्थ्य मंत्री है. वास्तव में देश में एक भी स्वास्थ्य मंत्री नहीं है.
साओ पाउलो राज्य सरकार ने कहा कि ऑक्सीजन की सप्लाई करने वाली कंपनियों ने वादा किया है कि वे अस्पतालों में ऑक्सीजन सप्लाई करने में सक्षम होंगी. ब्राजील का सैकड़ों व्यापारी नेताओं और अर्थशास्त्रियों ने कोरोना को लेकर नई रणनीति अपनाने को कहा है. इसके पीछे की वजह बढ़ते कोविड-19 के मामले और अस्पतालों में बढ़ती मरीजों की संख्या है. रियो डी जेनेरियो में 90 फीसदी आईसीयू बेड्स भर चुके हैं.