वेतन विसंगतियों को दूर करने की मांग को लेकर 70 दिन से धरना दे रहे स्मारक समिति के कर्मचारी ब्रजमोहन (38) की तबीयत खराब होने से मौत हो गई। ब्रजमोहन ईको गार्डन में धरना दे रहा था। यहां कर्मचारी पिछले 70 दिन से धरना दे रहे हैं। इस दौरान अचानक उसकी तबीयत खराब हुई। वह बेहोश हो गया। उसको आनन- फानन में अस्पताल लाया गया। लोकबंधु अस्पताल में उसको डॉक्टरों ने देखते ही मृत घोषित कर दिया। इसके बाद सहयोगी कर्मचारियों में नारागजी बढ़ी और वह अस्पताल में ही धरने पर बैठ गए। नाराज कर्मचारियों ने
कर्मचारी एलडीए और स्मारक समिति के जिम्मेदार को बुलाने की मांग पर अड़ गए। इस दौरान मुआवजे की मांग की गई। हंगामा बढ़ा तो पुलिस आई। कई घंटे तक विवाद बढ़ने के बाद देर रात पुलिस आई। उसके बाद अफसरों को बुलाया गया। उनके समझाने और आश्चासन के बाद मृत शरीर को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया। इस दौरान नाराज कर्मचारी मुआवजे की मांग कर रहे थे।
मुरादाबाद निवासी ब्रजमोहन एलडीए की स्मारक समिति में पिछले 13 साल से नौकरी कर रहा है। वह सफाई कर्मचारी का काम करता है। दरअसल, वर्ष 2011 में स्मारक समिति में विभिन्न पदों के लिए 5300 पदों पर भर्ती की थी। उसके बाद से ही कर्मचारियों के वेतन से 10 फीसदी रकम काट ली जाती है।
कर्मचारियों ने जब जानना चाहा है कि यह पैसा कहां लगता है तो कोई भी जिम्मेदार अधिकारी यह बताने की स्थिति में नहीं है। ऐसे में नाराज कर्मचारी पिछले 70 दिन से ईको गार्डन में धरना दे रहे हैं। बड़ी बात यह है कि यह धरना शिफ्ट के हिसाब से कर्मचारी देते हैं। ऐसे में वह लोग नियमित नौकरी भी रहे हैं। लेकिन 70 दिन से धरना देने के बाद भी उनकी मांगों पर कोई सुनवाई नहीं हो रही है। लोक बंधु अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अजय शंकर त्रिपाठी का कहना है कि जब मरीज को इमरजेंसी में लाया गया तो उसकी मौत हो चुकी थी। मरीज की धड़कन नहीं चल रही थी। शरीर में हरकत भी नहीं थी।