आज बी.आर. चोपड़ा की 109वीं बर्थ एनिवर्सरी है। नया दौर, वक्त, हमराज, पति पत्नी और वो जैसी बेहतरीन फिल्मों को बनाने का क्रेडिट उन्हीं को जाता है। साथ ही उन्होंने 35 साल पहले टीवी शो महाभारत बनाया था। इसे बनाने में कुल 9 करोड़ का खर्च आया था।
नीतिश बताते हैं- शुरुआत में कृष्ण का रोल करने से मैं बहुत हिचक रहा था। रवि चोपड़ा को पता था कि समोसा और कचौरी मेरी कमजोरी है। मेरी झिझक दूर करने के लिए चोपड़ा साहब ने हम सब के लिए समोसा और चाय बुलवाए। फिर पं. नरेंद्र शर्मा और डॉ. राही मासूम रजा ने मुझे ये रोल समझा दिया।
चोपड़ा साहब ने बहुत चतुराई से मुझे रोल समझाया। जब मैंने घर जाकर मां और पिता जी को ये इस रोल के बारे में बताया तो उन्होंने भी बहुत समझाया। दोनों ने रोल को करने के बहुत प्रेरित किया। इसके बाद इस बेहतरीन रोल को करने के लिए राजी हो गया।
आज सैकड़ों संसाधन मौजूद हैं। 1988 में ये टैक्नोलाॅजी नहीं थी। हम सभी ने बहुत मेहनत की थी। कई दिन हम 14-16 घंटे काम करते थे लेकिन चोपड़ा साहब को हम सभी को रविवार को एक दिन छुट्टी जरुर देते थे
बी.आर. फिल्म्स के पास हमेशा एक स्क्रिप्टिंग टीम होती थी ताकि सभी लेखक स्क्रिप्ट को अपना इनपुट दें। इस तरह स्क्रिप्ट में कोई कमी नहीं ही रह पाती थी।
हमेशा एक नए एक्टर या एक लाइटमैन के छोटे से छोटे सुझाव को भी सुनते थे। किसी एक्टर पर वो अपनी राय नहीं थोपते थे।
बी.आर. फिल्म्स में हम सभी एक्टर्स को बेहतरीन खाना मिलता था, जो वहां के ही किचन में बनाया जाता था। कृष्ण के रोल में नीतिश भारद्वाज।
दो साल बाद चोपड़ा साहब ने खत लिखकर की थी मेरी तारीफ
बी.आर. चोपड़ा साहब एक महान फिल्ममेकर थे क्योंकि उन्होंने कभी भी अपनी महानता के बारे में बात नहीं की। उन्हें खत के जरिए दूसरी की तारीफ करने की आदत थी। 1992 में जब महाभारत का टेलीकास्ट खत्म हो गया था, तब उसके 2 साल बाद उन्होंने डीडी मेट्रो पर दोबारा महाभारत देखी थी। फिर उन्होंने मुझे खत लिखा, जिसमें उन्होंने मेरे काम की सराहना की थी। वो बहुत बड़े दिल वाले थे।