लखनऊ के चक गंजरिया स्थित कल्याण सिंह कैंसर संस्थान में जल्द ही बोन मैरो ट्रांसप्लांट की शुरुआत होगी। इसके लिए संस्थान परिसर में अलग से सेंटर स्थापित किया जाएगा। इसके साथ ही इम्यूनोथेरेपी से कैंसर मरीजों को इलाज उपलब्ध कराया जाएगा।
कैंसर संस्थान के निदेशक डॉ. आरके धीमन ने बताया कि भारत में हर साल बच्चों के कैंसर के लगभग 50 हजार मामले आते हैं। इसमें हर पांचवा बच्चा यूपी का है। सबसे चिंताजनक पहलू यह है कि 50 फीसदी बच्चों का इलाज हो पाता है। बाकी अस्पताल भी नहीं पहुंच पाते हैं। बच्चों में कैंसर के लक्षणों को पहचाने के लिए स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित करने की जरूरत है। रक्त कैंसर बच्चों में आसानी से पनपता है। यदि बच्चे को लंबे समय तक बुखार, थकान, शरीर में चकत्ते और खून की कमी है तो संजीदा हो जाना चाहिए। समय पर इलाज से बच्चा कैंसर को हरा सकता है। उन्होंने बताया कि बच्चों में ब्रेन कैंसर भी पाया जाता है। इसके लक्षण उल्टी और गंभीर सिरदर्द, सुनने में कमी व नजर कमजोर होना हैं।
गुरुवार को मैक्सिलोफेशियल सर्जरी पीजी छात्रों के प्रशिक्षण की सुविधा के लिए कल्याण सिंह सुपर स्पेशलिटी कैंसर संस्थान (KSSSCI) और बाबू बनारसी दास कॉलेज ऑफ डेंटल साइंसेज, लखनऊ के बीच एक समझौता ज्ञापन (MoU) दस्तावेज़ पर हस्ताक्षर किए गए हैं। इस पहल से हेड एंड नेक के पीजी छात्रों को मौखिक कैंसर रोगियों की सर्जरी में अधिक तकनीकी कौशल मिल सकेगा।
इस दौरान दोनों संस्थानों ने इस बात पर जोर दिया कि मुंह के कैंसर के शुरुआती दौर में केवल सर्जिकल प्रक्रियाएं ही नहीं बल्कि प्रारंभिक चरण के रोगियों में मौखिक कैंसर की रोकथाम के लिए काम करने की जरूरत है, जिसके फलस्वरूप मुंह के कैंसर के मामलों में भारी कमी लाई जा सके।