सीरिया में सामूहिक कब्रों में दफनाए जा रहे शव, तुर्किये-सीरिया त्रासदी में लगभग 20,000 मौतें, 40,000 घायल

तुर्किये और सीरिया में 6 फरवरी को आए भूकंप से अब तक 19,332 लोगों की मौत हो चुकी है। घायलों की संख्या 40 हजार के करीब हो गई है। कई इमारतें तबाह हो गई हैं। बेघर लोगों के लिए शेल्टर बनाए गए हैं।
सीरिया में मारे गए लोगों को दफनाने के लिए सामूहिक कब्रें बनाई जा रही हैं। यहां मदद करने वाली व्हाइट हेलमेट्स की टीम ने एक वीडियो शेयर करते हुए बताया कि मृत लोगों को एक साथ दफनाया जा रहा है।
लोगों का कहना है कि वक्त पर उन तक मदद नहीं पहुंच पा रही है। तुर्किये के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन ने इस बात को स्वीकार किया है। सरकार के खिलाफ लोगों के गुस्से को देखते हुए एर्दोगन ने कहा- भूकंप के बाद सरकार की शुरुआती प्रतिक्रियाओं में कमियां थीं।
दरअसल, भूकंप के बाद कई इलाकों में लोगों तक बचावकर्मी या राहत समग्री नहीं पहुंची थी। हालांकि, राष्ट्रपति एर्दोगन ने कहा कि सभी लोगों की मदद के लिए सरकार हरसंभव कोशिश कर रही है और देश में कोई भी बेघर नहीं रहेगा। इधर, मदद के लिए WHO और UN समेत दुनियाभर के 70 से भी ज्यादा देश आगे आए हैं। लोकल मीडिया के मुताबिक, सीरिया में 3 लाख लोगों को मजबूरन अपना घर छोड़ना पड़ा है।
​तुर्किये में 16,170 लोगों की जान जा चुकी है और 35 हजार से ज्यादा लोगों के घायल होने की खबर है।
सीरिया में 3,162 लोग मारे गए और 4 हजार से ज्यादा जख्मी हैं।
वर्ल्ड फूड प्रोग्राम ने कहा है कि उसके पास सीरिया में एक हफ्ते के लिए लोगों को खिलाने के लिए पर्याप्त खाना है।
तुर्किये में 28 हजार से ज्यादा लोगों को बचा लिया गया है। रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए 60 हजार से ज्यादा बचावकर्मी तैनात किए हैं।
तुर्किये में बहाल हुई ट्विटर सर्विस
तुर्किये में सरकार ने एक बार फिर से ट्विटर सर्विस बहाल कर दी है। सरकार ने ट्विटर के अधिकारियों के साथ मीटिंग कर उन्हें दुष्प्रचार और कंटेंट हटाने को लेकर नियम याद दिलाए। दरअसल बुधवार को तुर्किये में ट्विटर को ब्लॉक कर दिया गया था।

तुर्किये सरकार ने पिछले साल अक्टूबर में सोशल मीडिया पर दुष्प्रचार के खिलाफ एक बिल पास किया था। इसके तहत यदि सोशल मीडिया कंपनियां तुर्किये से जुड़ी गलत जानकारी अपनी साइट से नहीं हटाती हैं, तो उन पर प्रतिबंध लगाए जाएंगे। देश में आपत्तिजनक पोस्ट के लिए अब तक 18 लोगों को हिरासत में लिया है और 5 को गिरफ्तार किया गया है।
भारत ने ‘ऑपरेशन दोस्त’ के तहत छठा विमान तुर्किये भेजा है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि बचावकर्मियों, जरूरी दवाइयों और मेडिकल इक्विपमेंट, डॉग स्क्वॉड के साथ विमान तुर्किये के लिए रवाना हो चुका है। दरअसल, टर्किश और हिंदी भाषा में ‘दोस्त’ शब्द का इस्तेमाल होता है, इसलिए इस ऑपरेशन का नाम दोस्त रखा गया है। रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए NDRF टीमों के साथ गरुड़ एरोस्पेस कंपनी के ड्रोन भी भेजे गए हैं।

इससे पहले, भारत के विदेश मंत्रालय ने बताया कि तुर्किये में भूकंप आने के बाद से ही एक भारतीय नागरिक लापता है। साथ ही तुर्किये के दूर-दराज के इलाकों में 10 भारतीय फंसे हुए हैं। इन्हें रेस्क्यू करने की कोशिश की जा रही है।
भूकंप का एपिसेंटर तुर्किये था। इसे देखते हुए एक्सपर्ट्स का कहना है कि यहां टैक्टोनिक प्लेट्स 10 फीट (3 मीटर) तक खिसक गईं। दरअसल, तुर्किये 3 टैक्टोनिक प्लेट्स के बीच बसा हुआ है। ये प्लेट्स हैं- एनाटोलियन टैक्टोनिक प्लेट, यूरोशियन और अरबियन प्लेट।

एक्सपर्ट्स के मुताबिक, एनाटोलियन टैक्टोनिक प्लेट और अरबियन प्लेट एक दूसरे से 225 किलोमीटर दूर खिसक गई हैं। इसके चलते तुर्किये अपनी भौगोलिक जगह से 10 फीट खिसक गया है। इटली के सीस्मोलॉजिस्ट डॉक्टर कार्लो डोग्लियोनी ने बताया कि टैक्टोनिक प्लेट्स में हुए इस बदलाव के चलते हो सकता है कि तुर्किये, सीरिया की तुलना में 5 से 6 मीटर (लगभग 20 फीट) और अंदर धस गया हो। उन्होंने कहा- हालांकि ये जानकारी शुरुआती डेटा से मिली है। आने वाले दिनों में सैटेलाइट इमेज से सटीक जानकारी मिल सकेगी।
तुर्किये और सीरिया में 6 फरवरी को सुबह 3 बड़े भूकंप आए थे। तुर्किये के वक्त के मुताबिक, पहला भूकंप सुबह करीब चार बजे (7.8), दूसरा करीब 10 बजे (7.6) और तीसरा दोपहर 3 बजे (6.0) आया।
इसके अलावा 243 आफ्टर शॉक्स भी दर्ज किए गए। इनकी तीव्रता 4 से 5 रही। तुर्किये में 7 फरवरी सुबह 8.53 पर फिर भूकंप आया। इसके बाद दोपहर 12.41 बजे 5.4 तीव्रता का भूकंप आया
साउथ कोरिया 5 मिलियन की मदद देने की घोषणा की
चीन 6 मिलियन की मदद देने की घोषणा की
ऑस्ट्रेलिया-न्यूजीलैंड 11 मिलियन की मदद देने की घोषणा की
भारत इंडियन एयरफोर्स के C-17 विमान को 2 NDRF टीमों, डॉक्टरों और राहत सामग्री के साथ भेजा
अमेरिका 79 लोगों की दो सर्च ऑपरेशन टीम, 100 फायर फाइटर्स और इंजीनियर भेजे
यूरोपियन यूनियन सर्च और रेस्क्यू ऑपरेशन टीम भेजी
रूस बचाव कार्य के लिए 300 सैनिक और हेलिकॉप्टर्स
इजराइल बचाव कार्य के लिए 150 इंजीनियर, मेडिकल स्टाफ
ब्रिटेन 76 रेस्क्यू स्पेशलिस्ट की टीम
पाकिस्तान
सर्च रेस्क्यू टीम और 25 टन की राहत सामग्री भेजी
इनके अलावा चेक रिपब्लिक, फ्रांस, माल्ता, नीदरलैंड, पोलैंड, अल्जेरिया, इटली, मोल्दोवा, अल्बानिया, उज्बेकिस्तान, हंगरी, जर्मनी, सर्बिया, स्लोवाकिया, आर्मेनिया, ग्रीस और कतर ने भी तुर्किये और सीरिया में मदद भेजने का ऐलान किया है।
2017 में ईरान-इराक में क्रॉस-बॉर्डर भूकंप आया था। इराक के कुर्दिश शहर हलाबजा से इरान के कर्मानशाह प्रांत में झटके महसूस किए गए थे। इसमें 630 लोगों की मौत हुई थी। 8 हजार से ज्यादा लोग घायल हुए थे।
हर साल दुनिया में कई भूकंप आते हैं, लेकिन इनकी तीव्रता कम होती है। नेशनल अर्थक्वेक इन्फॉर्मेशन सेंटर हर साल करीब 20 हजार भूकंप रिकॉर्ड करता है। इसमें से 100 भूकंप ऐसे होते हैं जिनसे नुकसान ज्यादा होता है। यह कुछ सेकेंड तक रहता है। अब तक के इतिहास में सबसे ज्यादा देर तक रहने वाला भूकंप 2004 में हिंद महासागर में आया था। यह भूकंप 10 मिनट तक रहा था।