पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा राज्य के बाजौर में रविवार को एक पॉलिटिकल रैली में ब्लास्ट हुआ। पुलिस ने इसे आतंकी हमला बताया है। 44 लोगों की मौत हो चुकी है और 100 से ज्यादा लोग घायल हैं। घटना बाजौर की खार तहसील की है। यहां सत्तारूढ़ गठबंधन में शामिल जमीयत उलेमा इस्लाम फजल (JUI-F) की रैली चल रही थी।
इस रैली को JUI-F के सीनियर लीडर हाफिज हमदुल्लाह संबोधित करने वाले थे, लेकिन वो किसी वजह से यहां पहुंच नहीं सके। बाद में हाफिज ने कहा- हमारे करीब 44 कार्यकर्ता इस ब्लास्ट में मारे गए हैं। मैं इस घटना की निंदा करता हूं। हमारे हौसले इस तरह के हमलों से कम नहीं होंगे।
हाफिज ने आगे कहा- इस तरह के हमले पहले भी होते रहे हैं। इनकी गहराई से जांच होनी चाहिए। हमें तो किसी तरह की सिक्योरिटी भी मुहैया नहीं कराई जाती। हम इस मसले को संसद में उठाएंगे।
पुलिस के मुताबिक ब्लास्ट शाम करीब 4.30 बजे हुआ। इस वक्त रैली में काफी लोग मौजूद थे। माना जा रहा है कि हमलावर पार्टी समर्थकों के बीच ही मौजूद था। इसलिए इसे फिदायीन हमला माना जा रहा है।
JUI-F के चीफ मौलाना फजल ने घटना के बाद प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ से बातचीत की और उन्हें तफ्सील से जानकारी दी। सरकार ने घटना की जांच के आदेश भी दे दिए हैं। फजल ने समर्थकों से कहा- आप लोग फौरन अस्पताल पहुंचें और घायलों को खून मुहैया कराएं।
पाकिस्तान पीपुुल्स पार्टी के चेयरमैन बिलावल भुट्टो जरदारी के मुताबिक यह हमला मुल्क को कमजोर करने की एक और साजिश है। सरकार आतंकियों से निपटने के लिए किसी भी हद तक जा सकती है।
JUI-F कट्टर इस्लामी संगठन है और इसके तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) और अफगान तालिबान से करीबी रिश्ते हैं। लिहाजा इस बात की आशंका कम है कि इस इलाके में हमला तालिबान ने किया होगा
अब सवाल ये है कि अगर तालिबान ने हमला नहीं किया तो फिर इसके पीछे कौन है। पाकिस्तान सरकार और तालिबान के बीच बातचीत कराने में भी जमीयत चीफ मौलाना फजल-उर-रहमान का अहम रोल था। हालांकि बाद में यह बातचीत नाकाम हो गई थी।