सीएम योगी आदित्यनाथ और गवर्नर आनंदीबेन के बीच गुरुवार को लखनऊ में मुलाकात के बाद सियासी चर्चाएं तेज हैं। सरकार इसे शिष्टाचार भेंट बता रही है लेकिन सोशल मीडिया पर देर शाम तक यूपी में मंत्रिमंडल विस्तार की अटकलें लगती रहीं। हालांकि, उच्च पदस्थ सूत्र अभी विस्तार की संभावनाओं से इनकार कर रहे हैं।
दरअसल इस कयासबाजी के पीछे वजह है बीजेपी की एक कथित बैठक। बताया जा रहा है कि चार दिन पहले बीजेपी की बैठक हुई थी जिसके बाद यूपी में बड़े बदलाव की आशंका है। खास बात यह है कि इस कथित बैठक में न ही सीएम योगी आदित्यनाथ शामिल थे और न ही बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह। इसके बाद से ही यूपी में सरकार और संगठन में बदलाव को लेकर चचाओं व समीकरणों का बाजार गर्म होने लगा।
इन दोनों ही नेताओं की गैरमौजूदगी में ही संगठन के संभावित नए चेहरों और मंत्रिमंडल के संभावित नामों की सूची भी सोशल मीडिया पर तय हो गई। इन चर्चाओं के बीच जब सीएम राज्यपाल से मिले तो इन चर्चाओं को और बल मिलने लगा। इन चर्चाओं के सूत्रधारों का कहना है कि सीएम और राज्यपाल के बीच करीब एक घंटे तक विभिन्न मसले पर चर्चा मिली। ऐसे में जल्द ही मंत्रिमंडल विस्तार की कवायद आगे बढ़ सकती है। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के पास मध्य प्रदेश का भी कार्यभार है। वहां के राज्यपाल लालजी टंडन के निधन के बाद किसी और राज्यपाल की नियुक्ति नहीं की गई है। आनंदीबेन 9 मई से ही मध्य प्रदेश थीं और गुरुवार को ही वापस लौटी हैं। वहीं, सीएम योगी आदित्यनाथ भी गुरुवार को ही सिद्धार्थनगर और बस्ती के दौरे से लखनऊ लौटे। सूत्रों का कहना है कि दोनों नेताओं की मुलाकात पहले से तय थी, लेकिन मंत्रिमंडल विस्तार की सियासी गॉसिप के बीच इस मुलाकात के मायने तलाशे जाने लगे।
Source: NBT