केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी का कहना है कि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में ट्रैक्टर परेड का हिंसक होना एक साजिश है। 72वें गणतंत्र दिवस पर हुई दुर्भाग्यपूर्ण घटनाएं देश की छवि को बिगाड़ने के लिए की गई हैं। सरकार किसानों की मांगें मानने को तैयार है, लेकिन किसान नेता ही कोई समाधान नहीं चाहते हैं।
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता गोपाल कृष्ण अग्रवाल ने मंगलवार को कहा कि किसान नेताओं को इस ¨हसा की पूरी जिम्मेदारी लेनी चाहिए। पुलिस ने बार-बार हिंसा की आशंका के प्रति चेताया था। उन्होंने किसान नेताओं से ट्रैक्टर परेड नहीं करने की भी अपील की थी। जबकि दिल्ली की हिंसा से खूब किरकिरी हो रही है तो किसान नेता अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि किसान नेताओं का महज घटना की निंदा करना काफी नहीं है।
इससे पहले, भाजपा के प्रवक्ता संबित पात्रा ने तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शनकारी किसानों की ट्रैक्टर परेड के हिंसक होने पर कहा कि इतने दिनों से उन्हें अन्नदाता के तौर पर देख रहे थे, वह अब चरमपंथी बन गए हैं। पात्रा ने ट्वीट के साथ एक वीडियो साझा किया है जिसमें एक उपद्रवी लाल किले पर चढ़कर उसे थमाया गया तिरंगा नीचे फेंक रहा है और एक अन्य झंडा फहरा रहा है। भाजपा नेता ने इस वीडियो पर टिप्पणी करते हुए इसे पीड़ादायक बताया।
इसीतरह, एक अन्य भाजपा प्रवक्ता व सांसद सैयद जफर इस्लाम ने पूछा, ‘क्या भीड़ को आतंकवादी कहा जा सकता है? यह कितने शर्म की बात है कि भीड़ के हाथों मारे जाने से बचने के लिए पुलिस वालों को दीवार से कूदना पड़ा और फिर भी पूरी तरह से संयम बरता। अब आप ही फैसला कीजिए कि आप ऐसी भीड़ को क्या कहेंगे? असामाजिक तत्वों का समूह, देशद्रोही या सीधे तौर पर आतंकवादी?’
इसी तरह लोकजनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष चिराग पासवान ने कहा कि जिस तरह से आंदोलन की आड़ में कुछ अराजक तत्वों ने इस अपराध को अंजाम दिया है, उसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है। लोजपा ऐसे कृत्य की निंदा करती है।