अंटीलिया केस में मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह की चिट्टी सामने के बाद भाजपा सरकार ने आज महाराष्ट्र की महाविकास अघाड़ी सरकार पर जमकर हमला बोला। अंटीलिया केस में परमबीर सिंह की चिट्टी के बाद केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर उद्धव सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने पूछा कि सचिन वझे को किसके दबाव में लाया गया है। शिवसेना के, सीएम के या शरद पवार के ? रविशंकर प्रसाद ने कहा कि भाजपा की तरफ से पहला सवाल ये है कि सचिन वझे की नियुक्ति किसके दबाव में की गई? मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के, शिवसेना के या शरद पवार के ?
प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने आज हमलवार अंदाज में कहा कि मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने एक चिट्टी लिखी है महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री और राज्यपाल जी को, जिसमें उन्होंने कहा है कि महाराष्ट्र सरकार के गृह मंत्री ने सचिन वझे से कहा कि हमें 100 करोड़ रुपये महीना बंदोबस्त करके दो। उन्होंने कहा कि एक एसीपी का घर में मुख्यमंत्री द्वारा बचाव किया जा रहा है, और गृह मंत्री उसे महाराष्ट्र से हर महीने 100 करोड़ रुपये निकालने के लिए कह रहे हैं! इस पर रविशंकर प्रसाद ने कहा कि भाजपा एक बाहरी एजेंसी द्वारा एक ईमानदार, पारदर्शी और निष्पक्ष जांच की मांग करती है।
रविशंकर प्रसाद ने आगे कहा कि महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी सरकार चलाने के लिए नहीं है, बल्कि लूट के लिए है। इस तरह के भ्रष्टाचार का मॉडल बहुत चौंकाने वाला है। मीडिया को इसे बहुत गंभीरता से लेना चाहिए और इसके पीछे की सच्चाई को उजागर करना चाहिए। उन्होंने कहा कि सचिन वझे सालों तक सस्पेंड था, वर्षों के बाद उसको कोरोना काल में दोबारा अप्वाइंट कराया गया और कहा गया कि कोरोना में पुलिस वाले बीमार पड़ रहे हैं इसलिए इनको लिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि भाजपा की तरफ से पहला सवाल ये है कि सचिन वाजे की नियुक्ति किसके दबाव में की गई? ये शिवसेना का दबाव था, मुख्यमंत्री मंत्री का दबाव था या शरद पवार का भी दबाव था?
उन्होंने आगे कहा कि पूर्व कमिश्नर परमबीर ने कहा है कि मैं शरद पवार को भी ब्रीफ करता था। शरद पवार वहां सरकार का अंग नहीं है, तो एक पुलिस कमिश्नर उनको ब्रीफ क्यों कर रहा था और उसने ये भी बताया कि पैसे मांगे जा रहे हैं। तो शरद पवार ने क्या कार्यवाही की?
उन्होंने कहा कि इस प्रकरण से एक और बहुत बड़ा गंभीर सवाल उठता है- 100 करोड़ रुपये का टार्गेट था मुंबई से तो कृपया करके उद्धव ठाकरे और शरद पवार जी बताएं कि पूरे महाराष्ट्र का टार्गेट क्या था? अगर एक मंत्री का टार्गेट 100 करोड़ था तो बाकी मंत्रियों का टार्गेट क्या था? रविशंकर ने कहा कि ये भ्रष्टाचार नहीं है इसे कहते हैं- ऑपरेशन लूट। सरकारी तंत्र का दुरुपयोग करो और जनता के पैसे लूटो ये उसका टेक्स्ट बुक केस है।
मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह के विस्फोटक पत्र के बाद महाराष्ट्र की सियासत में भूचाल आ गया है। परमबीर सिंह ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर आरोप लगाया है कि गृह मंत्री अनिल देशमुख ने शीर्ष पुलिस अधिकारियों को हर महीने सौ करोड़ रुपए की उगाही का टार्गेट दिया था। आठ पेज लंबी इसी चिट्ठी में परमबीर सिंह ने कई गंभीर आरोप लगाए हैं और चौंकाने वाली जानकारियां दी हैं। चिट्ठी में उन्होंने लिखा है कि सचिन वझे को मुंबई से 100 करोड़ रुपये की धन उगाही करने का लक्ष्य दिया गया था।