जब मध्य प्रदेश कांग्रेस की राजनीतिक धुरी ब्राह्मण नेताओं के इर्द-गिर्द घूमती थी, लेकिन धीरे-धीरे इस समाज के नेता किनारे कर दिए गए। भाजपा अब कांग्रेस में ब्राह्मणों की उपेक्षा का लाभ उठाने में सक्रिय हो गई है। विधानसभा की 27 सीटों पर होने वाले उपचुनाव में इसके लिए समीकरण भी तैयार होने लगे हैं। कुछ वर्ष पहले तक मध्य प्रदेश में बुंदेलखंड इलाके से सत्यव्रत चतुर्वेदी, ग्वालियर-चंबल से सत्यदेव कटारे, विंध्य क्षेत्र से श्रीनिवास तिवारी और मध्य क्षेत्र से सुरेश पचौरी जैसे नेता कांग्रेस की प्रदेश और देश की राजनीति में दबदबा रखते थे। विद्रोही होकर सत्यव्रत के कांग्रेस छोड़ने, पचौरी के चुनाव हारने और श्रीनिवास तिवारी व सत्यदेव कटारे के निधन के बाद कांग्रेस की ब्राह्मण राजनीति में सन्नाटा छा गया। विधानसभा में पूर्व उपनेता मुकेश नायक और चौधरी राकेश सिंह चतुर्वेदी, पूर्व मंत्री महेश जोशी जैसे कई कद्दावर परिदृश्य से किनारे कर दिए गए।
पहले की स्थिति पर गौर करें तो पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह केसमय श्रीनिवास तिवारी समानांतर व्यवस्था में थे तो बाद में सत्यव्रत चतुर्वेदी और सुरेश पचौरी की वजह से संतुलन बना हुआ था। हालांकि कांग्रेस के इन दिग्गजों ने भी अपनी दूसरी कतार बनने नहीं दी। कमल नाथ के समय में पिछड़ा कार्ड खेले जाने से संतुलन और बिगड़ गया।
पदोन्न्ति में आरक्षण के मुद्दे पर वर्ष 2018 में शिवराज सरकार ने अनुसूचित जातियों को प्राथमिकता दी। तब मुख्यमंत्री चौहान ने एलान किया था कि कोई माई का लाल इस वर्ग को पदोन्न्ति में आरक्षण देने से रोक नहीं सकता। इससे ब्राह्मण वर्ग में भाजपा से नाराजगी हुई और विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने इसका फायदा उठाया।
भाजपा को विधानसभा चुनाव में पराजय के बाद ही अहसास हो गया था कि ब्राह्मणों की नाराजगी नुकसानदेह साबित होगी। भाजपा ने प्रदेश की कमान ब्राह्मण सांसद वीडी शर्मा के हाथों में सौंप दी। इधर,सरकार में दूसरे नंबर के मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा हैं, जबकि गोपाल भार्गव भी महत्वपूर्ण मंत्री हैं और नेता प्रतिपक्ष रह चुके हैं। ग्वालियर-चंबल संभाग में तो भाजपा ने ब्राह्मण्ा समीकरण साधने में पूरी ताकत झोंक दी है। भाजपा के मुख्य प्रवक्ता दीपक विजयवर्गीय का कहना है कि भाजपा तो सर्वसमाज को साथ लेकर चलने वाली पार्टी है। प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा के नेतृत्व में हर क्षेत्र में संगठन का विस्तार हो रहा है। पार्टी सभी सीटों पर उपचुनाव जीतेगी।
मप्र कांग्रेस प्रवक्ता दुर्गेश शर्मा का कहना है कि कांग्रेस में ब्राह्मण नेताओं की कहीं उपेक्षा नहीं है। कमल नाथ की सरकार में पीसी शर्मा और तरुण भनोत महत्वपूर्ण विभागों की जिम्मेदारी संभाल रहे थे। ग्वालियर-चंबल संभाग की चुनावी जिम्मेदारी भी ब्राह्मण नेताओं को दी गई है। इस बार भाजपा को उसके छल और सौदेबाजी का जवाब जनता देगी।